मुजफ्फरपुर। देवशयनी एकादशी के साथ 10 जुलाई से चातुर्मास प्रारंभ हो रहा है। इसके साथ ही चार माह तक सभी शुभ कार्य रुक जाएंगे। इस अवधि में भगवान विष्णु योग निंद्रा में रहते हैं। यही कारण है कि इस दौरान लोग शुभ कार्य नहीं करते हैं।
ज्योतिष पंडित प्रभात मिश्र ने बताया कि चातुर्मास में विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। चातुर्मास में सावन बहुत ही महत्वपूर्ण माह माना गया है।
यह भगवान शिव का प्रिय महीना होता है। चातुर्मास में मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन आदि का सेवन नहीं करना लाभकारी माना गया है।
चार नवंबर को देवात्थान एकदाशी के दिन चातुर्मास समाप्त होगा। वहीं, लग्न मुहूर्त 24 नवंबर से शुरू होगा जो 15 दिसंबर तक रहेगा। इसके बाद नए वर्ष में ही लग्न शुरू होगा।

