रोहतास और औरंगाबाद के बीच सोन नदी पर ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रेल ब्रिज पर रेलवे ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। गत दिनों पहली बार इस रेल ब्रिज पर एक साथ पांच फ्रेट ट्रेनों का परिचालन किया गया। इसका वीडियो रेलवे ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। अब यह वीडियो वायरल हो रहा है।

बिहार BJP ने अपने फेसबुक पेज पर इसे शेयर किया। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल एवं अन्य नेताओं ने इसे शेयर किया है। प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा है कि डबल इंजन की सरकार, देखिए बिहार में प्रगति की रफ्तार। बुलंद भारत का बनता बुलंद बिहार। रेलवे ने इस परिचालन के कई फोटोग्राफ भी शेयर किए हैं।

रेल अधिकारियों के अनुसार, रेलवे के सबसे लंबे ब्रिजों में शामिल इस फ्रेट कारिडोर पुल पर एक तरफ से 3 लॉन्ग हॉल ट्रेन का परिचालन की क्षमता है। अर्थात दोनों तरफ से एक साथ 3-3 अर्थात कुल 6 ट्रेनों के परिचालन की क्षमता है। रेलवे के अनुसार इस पर गत सप्ताह एक साथ पांच फ्रेट ट्रेनों का परिचालन हुआ, जिसका रेलवे द्वारा एअर व्यू बनाया गया।

इस साल पूरी क्षमता से चलेगी ट्रेनें
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट के पहले चरण में जिसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड पूरा कर रहा है। 1,504 किलोमीटर वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और 1,856 किलोमीटर ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। जिसमें सोननगर से दनकुनी के बीच पीपीपी मोड सेक्शन भी शामिल है। ईडीएफसी की शुरुआत साहनेवाल से होगी।

यह समर्पित माल गलियारा पंजाब, यूपी, हरियाणा, बिहार और झारखंड से होकर गुजरेगा। यह कॉरिडोर पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होगा। इसी के अंतर्गत सोन ब्रिज पर भी फ्रेट कॉरिडोर बना है, जिस पर ट्रेनों का परिचालन अब शुरू हो गया है।

