भागलपुर ; जनवरी से लेकर हाेली का त्याेहार भी बीत गया, अब 14 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू होगा। जहां लाखाें कांवरियाें के लिए हाेटलाें में तैयार हाेने वाले भाेजन समेत अन्य खाद्य पदार्थाें की जांच की जानी है, ताकि शिवभक्तों को शुद्ध भाेजन मिल सके। लेकिन 70 लाख रुपए से खरीदी गई फूड सेफ्टी जांच वैन 6 माह से सिविल सर्जन आवास में ही खड़ी है। अब तक इस वैन में एक भी खाद्य पदार्थ की जांच नहीं हाे सकी है।

राज्य सरकार ने जनवरी में जांच वैन तो भेज दी, लेकिन लैब टेक्नीशियन, ड्राइवर व असिस्टेंट की नियुक्ति नहीं की। न ही इसमें खर्च हाेनेवाले डीजल व अन्य मद में बजट ही भेजा। लिहाजा इस वैन के आसपास अब झाड़ियां उग गई हैं और धूल की परत गाड़ी पर जमा हो गई है। इससे अब ताे गाड़ी भी स्टार्ट नहीं हाे रही, क्याेंकि लगातार खड़ी रहने से उसकी बैट्री डाउन हाे चुकी है।

जबकि फूड सेफ्टी विभाग की टीम काे स्वास्थ्य विभाग अंडमान निकाेबार भेजकर जांच के लिए ट्रेनिंग भी दिलवा चुका है। हाेली में ही जिले के विभिन्न प्रखंडाें काे मिलाकर 70 तरह के अलग-अलग सामग्री के सैंपल जांच में काेलकाता लैब भेजे गए थे, लेकिन अब तक रिपाेर्ट नहीं आई है। इस वैन से ऑनस्पाॅट जांच हाेने से दुकानदाराें काे खराब व मिलावटी सामान बेचने से पहले एक बार साेचना पड़ता।

दुकानदाराें में विभागीय एक्शन का डर भी हाेता और आम लाेगाें में भी इसके प्रति जागरुकता आती। लेकिन फूड सेफ्टी विभाग की ओर से लैब टेक्नीशियन, असिस्टेंट व ड्राइवर की नियुक्ति नहीं की गई।

श्रावणी मेला में सिर्फ सुल्तानगंज में 2000 से ज्यादा खाद्य पदार्थाें की दुकानें लगती हैं सुल्तानगंज से असरंगज धांधी बेलारी तक पथ किनारे एक हजार से ज्यादा दुकानें लगती हैं ठेला और घर के आगे टेबल पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले भी सैंकड़ाें लोग हैं।

