बगहा के तीनफेड़िया गांव निवासी एक कलयुगी बेटे ने वृद्ध माता-पिता को घर से निकाल दिया। घर से निकाले जाने के बाद वृद्ध दंपती ने गांव के स्थित एपीएससी (स्वस्थ उप केंद्र तिनफेडिया) में शरण लिया। ग्रामीणों द्वारा उन्हें खाने पीने का सामान दिया जाता है। वृद्ध दंपती एक माह से घर से बाहर है। शुक्रवार को दंपती ने अपने छोटे बेटे के खिलाफ FIR दर्ज करवाया है।

दरअसल, तिनफेड़िया गांव निवासी 65 वर्षीय शंभू गोंड पिछले 10 वर्षों से दोनों आंख से अंधे है। शंभू गोंड के 2 पुत्र हैं। बड़ा बेटा, छोटे बेटे के झगड़े से तंग आकर गांव छोड़कर बाहर कमाने भाग गया। इधर, पिता के घर में छोटा पुत्र अपने परिवार के साथ रहने लगा। लेकिन 1 माह पूर्व छोटा पुत्र शीतल अपने माता-पिता का पूरा सामान निकाल कर अस्पताल के बरामदे में रख दिया।

पुलिस ने जबरदस्ती करवाया था अंदर
इसके पहले भी बेटे ने माता-पिता को घर बाहर निकाल दिया था। इसकी सूचना पर लौकरिया पुलिस ने जबरदस्ती दोनों को समाज के सहयोग से अंदर करा दिया। कुछ ही दिनों बाद फिर बेटे और बहू ने दोनों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

पिता ने लिख दिया पोते के पत्नी के नाम पर जमीन
दो-तीन वर्ष पहले सब कुछ सामान्य चल रहा था। लेकिन पीड़ित शंभू गोंड के पिता ने अपने छोटे पोते शीतल की पत्नी के नाम से घर की जमीन में लिख दिया। जिस दिन घर शीतल के पत्नी के नाम से हुआ, उसी दिन से उसकी पत्नी सास और ससुर को खाना पीना बंद कर प्रताड़ित करने लगी।

बेटे ने बताया नहीं है रूम
आरोपी बेटा शीतल से जब बात की गई तो उसने बताया कि घर में दो ही रूम है। ऐसी स्थिति में माता-पिता को रखने में दिक्कत होती है। उन लोगों से बोला हूं कि नाहर के ऊपर सरकारी भूमि पर एक मड़ई बना दे रहा हूं, वहीं पर रहो। लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं है।

पंचायत में गई थी बात
बिनवालिया बोधसर पंचायत के अंदर तिनफेड़िया गांव आता है। इस गांव के सरपंच रामशरण बैठा ने कई बार पंचायती कर बेटे को मां और बाप के साथ रहने की बात कही। लेकिन बेटा और बहू तैयार नहीं हुए। इस संदर्भ में लौकरिया थाना अध्यक्ष अभय कुमार ने बताया कि एक बार बेटे द्वारा निकाले गए माता-पिता को घर के अंदर रखवाया गया था। बेटे पर एफआईआर कर दिया गया है।
