बिहार में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। मंगलवार को राज्य में कुल 338 संक्रमित पाए गए। जहां पटना में सबसे अधिक 182 नए केस सामने आए। वहीं, पटना के बाद 30 पॉजिटिव केस के साथ भागलपुर दूसरे नंबर पर रही।

सूबे में अब कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या 1269 हो गई है। बता दें कि पिछले 24 घंटे में कुल 1 लाख 22 हजार 402 लोगों की कोरोना सैम्पल की जांच हुई है। नए मिले संक्रमितों में ज्यादातर मरीज अपने घर में ही क्वारैंटाइन होकर अपना इलाज करा रहें है। तो कुछ ने हॉस्पिटल में जाकर इलाज कराना उचित समझा।

वहीं, नए मिले संक्रमितों में लगभग सभी ने कोरोना की पूरी डोज ले ली है। संक्रमितों के मन में ये सवाल बार बार आ रहा है कि जब हमने कोरोना का टीका ले लिया फिर हमे कोरोना कैसे हो सकता है। जबकि सरकार कोरोना के टीकाकरण पर पूरा जोर दे रही है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना को हमें भूलना नहीं चाहिए। कोरोना को हमेशा याद करके उससे सावधान होने की जरूरत है और कोरोना से बचाव का हर उपाय करने की जरूरत है। कोरोना को नजरंदाज करना महंगा पड़ सकता है। कोरोना के नए मामलों के बढ़ने का कारण सरकार और और आम लोगों की लापरवाही है।

लोगों ने मास्क लगाना छोड़ दिया, दो गज की दूरी को लोग भूल गए, बेपरवाह हो जाने के कारण भी संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वही सरकार ने भी थोड़ी लापरवाही की है। पटना समेत पूरे बिहार में जांच बहुत कम कर दिए गए। बिहार के और स्टेशनों की छोड़िए राजधानी के स्टेशनों पर भी जांच की कोई व्यवस्था नहीं है।

