बाबा भोले की आराधना का पावन माह ‘’सावन’’ 14 जुलाई से शुरू होगा। इस बार 29 दिनों के मास में चार सोमवारी व्रत पड़ेंगे। 18 जुलाई को श्रद्धालु पहला सोमवारी का व्रत रखेंगे। दो वर्षों के बाद भक्त बाबा की आराधना के साथ-साथ मेले का भी आनंद उठा सकेंगे। आचार्य नवीन चंद्र मिश्र वैदिक ने बताया कि इस बार सावन माह काफी खास है।

भगवान विष्णु का प्रिय दिन गुरुवार से आरंभ होकर समाप्त भी गुरुवार को ही होगा। इस माह में रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक का विशेष महत्व है। आचार्य ने कहा कि इस बार 15 दिन कृष्ण पक्ष व 14 दिन शुक्ल पक्ष में पड़ेगा। 11 अगस्त को पवित्र माह का समापन किया होगा।

बता दें कि पिछले दो वर्षों से वैश्विक आपदा कोविड 19 के कारण शिवधाम लॉक थे। सावन मेला स्थगित था। छोटे-छोटे शिव मंदिरों में जाकर भक्तों ने पूरे माह शिवलिंग पर बेलपत्र व जल चढ़ाया। बड़े शिवधामों में भक्तों की इंट्री रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा निगरानी हो रही थी।

17 जुलाई को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे सूर्य
आचार्य ने बताया कि 17 जुलाई को भगवान सूर्य मिथुन से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क राशि में प्रवेश के साथ ही सौर सावन मास का आरंभ होगा। इस दिन से भगवान सूर्य दक्षिणायन हो जाएंगें, यानि दैत्यों के लिए दिन और देवताओं के लिए रात्रि का आरंभ होगा। आचार्य की माने तो इस दिन गंगा स्नान, गौ व घी दान सर्वोत्तम होगा। 19 जुलाई से पुष्य नक्षत्र के
सूर्य होंगे।

इस बार सावन माह में पड़ने वाली सोमवारी
- पहला सोमवारी – 18 जुलाई
- दूसरा सोमवारी – 25 जुलाई
- तीसरा सोमवारी – 01 अगस्त
- चौथा सोमवारी – 08 अगस्त

नोट – प्रदोष व्रत: सावन में 25 व 09 अगस्त को प्रदोष व्रत रहेगा। प्रदोष व्रत को करने से शिव एवं पार्वती की विशेष कृपा भक्तों को प्राप्त होगी।
- सावन के पावन माह में रुद्राभिषेक, दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक का है महत्व
- गुरुवार से शुरू व गुरुवार को ही समाप्त होगा सावन, 18 को पहली सोमवारी
सावन में पड़ने वाली एकादशी
- कामिका एकादशी – 24 जुलाई
- पुत्रदा एकादशी – 08 अगस्त

नोट – इस बार की पुत्रदा एकादशी अंतिम सोमवारी के दिन पड़ने से विशेष महत्व रखता है।
भक्त विष्णु व शिव दोनों का व्रत एक साथ कर सकेंगे। इससे उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने इंसान के संतान सुखी होते हैं।

दो वर्षों के बाद शिवधाम पर होगी कांवर यात्रा
वैश्विक आपदा कोविड 19 के कारण दो वर्षों से शिवधामों पर कांवर यात्रा लॉक थी। इस बार बाबा भोले के पावन माह में कोविड का फिलहाल इफेक्ट नहीं है, यानि शिवधामों पर कांवर यात्रा अवश्य होगी। बेलागंज स्थित कोटेश्वरनाथ, सिद्धेश्वरनाथ, बांकेबाजार स्थित बांकेधाम, फतेहपुर स्थित संडेश्वरनाथ, गुरुआ स्थित बैजुधाम व भुरहाधाम और गया के रामशिला में सावन माह में भक्त शिवलिंग का दर्शन-पूजन कर सकेंगे।