कटिहार जिले अमदाबाद में विद्यालय का गंगा में विलीन हो जाना जिले के लिए कोई नई बात नहीं है। अबतक अमदाबाद में 5 विद्यालय और मनसाही प्रखंड के एक विद्यालय सहित कुल आधा दर्जन विद्यालय नदी के कटाव की भेंट चढ़ गया है। विडंबना तो यह है कि वरीय अधिकारी और बाढ़ नियंत्रण विभाग को जानकारी रहने के बावजूद विद्यालय के समीप हो रहे कटाव को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है।वहीं उ.मा. विद्यालय पारदियारा कीर्ति टोला के प्रधानाध्यापक ने पिछले साल कटाव की आशंका को देखते हुए अपने वरीय पदाधिकारी को इसकी लिखीत सूचना दी थी। बावजूद इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। जिसके बाद इस वर्ष भी डर बना हुआ है।

वर्तमान समय में 10 स्कूल और एक मदरसा कटाव के जद में है। इस स्कूल और मदरसे में पढ़ने वाले 4720 बच्चों का भी भविष्य संकट में है। ये सभी स्कूल वर्तमान में 3 विद्यालय में शिफ्ट है। जिसमें उ.मा. विद्यालय पारदियारा कीर्ति टोला जिसमें 4 विद्यालय शिफ्ट है जो गंगा के कटाव से महज 50 मीटर की दूरी पर है। प्रा. विद्यालय बबला बन्ना में 3 विद्यालय शिफ्ट है। जो कटाव से 100 मीटर की दूरी पर है। वही उ.म. विद्यालय झब्बू टोला में पिछले वर्ष कटाव में एक भवन का आधा हिस्सा बह गया है। जबकि बाकी बचे भवन में पढ़ाई चल रही है। इसी विद्यालय के प्रांगण में सरकारी मदरसा का भी संचालन किया जाता है और हाल ही में मदरसा के भवन का 7 लाख खर्च कर जीर्णोद्धार कराया गया है। जो गंगा में कटने के लिए तैयार है।

एक स्कूल में 4 तो एक में 3 अन्य विद्यालय का संचालन
सबसे मजेदार बात यह है कि गंगा के कटाव के जद में आ रहे विद्यालय का संचालन उ.मा. विद्यालय पारदियारा में हो रहा है। इस विद्यालय में 4 अन्य विद्यालय शिफ्ट है। इनमें से दो विद्यालय पहले ही नदी द्वारा जारी कटान से गंगा में विलीन हो गया हैं। जबकि 2 विद्यालय को भवन नहीं रहने के कारण शिफ्ट किया गया है। इस विद्यालय में कुल छात्र-छात्राओं की संख्या 1711 है।

जिसमें उ.मा. विद्यालय पार दियारा में 630 छात्र छात्राएं, प्रा. विद्यालय खट्टी पार दियारा में 472, प्रा.वि यूसुफ टोला में 190, उ.म. विद्यालय धन्नी टोला में 246 एवं प्रा. विद्यालय सूबेदार टोला में 173 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। जबकि प्रा. विद्यालय बबला बन्ना में भी 3 अन्य विद्यालय शिफ्ट है। जिसमें प्रा. विद्यालय बबला बन्ना में 311, उ.मा. विद्यालय बबला बन्ना में 684, उ.म. विद्यालय भवानीपुर खट्टी में 472 और प्रा. विद्यालय खट्टी किशनपुर में 288 छात्र-छात्राओं का नामांकन है।

स्कूल का आधा भवन नदी की ओर लटका हुआ है
उ.म. विद्यालय झब्बू टोला गंगा नदी के कटाव के जद में है। इसका एक भवन का आधा हिस्सा कट कर नदी मे विलीन हो चुका है जबकि आधा नदी की ओर लटका हुआ है। बावजूद इस विद्यालय के बाकी बचे भवन में पढ़ाई जारी है। विद्यालय में 990 छात्र नामांकित है। इसके साथ ही इसी विद्यालय के प्रांगण में मदरसा मिस्बाह उल उलूम का भी संचालन होता है। इस सरकारी मदरसे में भी 264 छात्र पढ़ते हैं।

इसके बावजूद कटाव को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है। हालांकि हर बार इस तरह की घटना होने से पहले विद्यालयों के बच्चों को नजदीकी विद्यालय में शिफ्ट कर शिक्षा विभाग अपने कर्तव्य का निर्वाह कर देते हैं। अगर इस बार कटाव होता है तो 10 स्कूल और एक मदरसा को अन्य विद्यालय में शिफ्ट करना शिक्षा विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित होगी।

वर्ष 1984 से चल रहा स्कूलों के कटने का सिलसिला
जिले में स्कूलों के कटने का सिलसिला 1984 से चला आ रहा है। 1984 में म. विद्यालय नवरसिया गंगा के गर्भ में पूरी तरह समा गया था। वर्ष 2014 में उ.म. विद्यालय धन्नी टोला और नया प्राथमिक विद्यालय पारदियारा भी नदी के गर्भ में समा गया। वर्ष 2015 में खट्टी किशनपुर विद्यालय भी गंगा के कटाव की भेंट चढ़ गया। कटाव का यह सिलसिला 2016 में भी जारी रहा। जब उ.म. विद्यालय भवानीपुर खट्टी टोला भी गंगा के गर्भ में समा गया।

वर्ष 2017 में मनसाही प्रखंड के श्रीकृष्णपुर का एक विद्यालय कटाव की भेंट चढ़ गया और 23 अगस्त 2019 को उ.म. विद्यालय बबलाबन्ना भी नदी में समा गए। 2021 में म. विद्यालय झब्बू टोला का एक भवन और प्राणपुर के लालगंज भगत टोला स्थित नया प्रा विद्यालय का भवन कटाव की भेंट चढ़ गया है। उ.मा. विद्यालय पारदियारा, प्रा. विद्यालय बबला बन्ना और म. विद्यालय झब्बू टोला व मदरसा के समीप 2021 में जमकर कटाव हुआ था। स्कूल के आसपास कटाव निरोधी कार्य होने के बावजूद पिछले साल भीषण कटाव हुआ था।