मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर के SKMCH में ऐसी हेल्थ लैब की शुरुआत की गई, जिसमें बच्चे के जन्म से पहले उसकी सेहत का पता लगाया जा सकेगा। इस तरह SKMCH ऐसा पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज होगा जिसमें ‘वन हेल्थ लैब’ है। यह लैब टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल और डॉक्टर्स फॉर यू के सहयोग से तैयार की गई है।

जीनोम सिक्वेंसिंग लैब पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों की पहली हाइटेक लैब है, जहां किसी भी व्यक्ति, जानवर या पौधे का जिनेटिक स्तर तक अध्ययन कर बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। इस लैब में जीन में किसी प्रकार की विकृति या उसके आधार पर भविष्य में आकार ले सकने वाली स्वास्थ्य समस्याओं या गंभीर बीमारियों की पड़ताल की जा सकती है. इस अस्पताल के एक ही फ्लोर में पैथोलॉजी लैब, माइक्रो बायोलॉज लैब और कैंसर जीनों सिक्वेंसिग लैब स्थापित की गई हैं।

SKMCH में शुरू की गई इस प्रयोगशाला में मानव के अलावा, जानवरों और पर्यावरण के स्वास्थ्य की भी जांच की जाएगी। समान्यत: कैंसर पता करने के लिए एमआरआई, बायोप्सी या सिटी स्कैन की जरूरत पड़ती है। कैंसर ज्ञात होने के बाद सबसे बड़ी चुनौती डॉक्टरों के लिए यह पता करने की होती है कि यह किस तरह का कैंसर है? लेकिन जीनोम सिक्वेंसिंग लैब में यह तुरंत पता चल जाता है। इसका फायदा यह होता है कि डॉक्टर अपने पेशेंट को तुरंत ही सही दवा देना शुरू कर देते हैं।

इस लैब में जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से प्रसव पूर्व बच्चे की जांचकर उसकी बीमारी की पहचान की जा सकती है। इस लैब की महत्त्वपूर्ण विशेषता अगली पीढ़ी की सिक्वेंसिंग सेवा की शुरुआत है। यह तकनीक आनुवांशिक रोग विशेष रूप में कैंसर का पता लगाने, प्रबंधन और उपचार पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालेगी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस लैब का उद्घाटन किया. अत्याधुनिक सुविधाओं से बना वन हेल्थ लैब टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल के तकनीकी सहयोग से एसकेएमसीएच पैथोलॉजी विभाग और डॉक्टर्स फॉर यू संस्था द्वारा संचालित किया जाएगा।

इस लैब में डॉक्टर रविकांत और मुंबई के टाटा कैंसर हॉस्पिटल मुंबई का अहम योगदान है। इस प्रयोगशाला को सेट करने में बोइंग इंडिया, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, डॉक्टर्स फॉर यू और अल्केम लेबोरेटरीज लिमिटेड ने काफी सहयोग किया है।


