गया में खुद की जमीन में बालू भंडारण किए जाने की थाने में लिखित शिकायत करने वाले एक गरीब व्यक्ति के खिलाफ ही पुलिस ने केस दर्ज कर दिया है। हैरानी की बात है कि जिस जमीन पर बालू भंडारण किया गया है। वहां चार लोगों की जमीन है। लेकिन उन चार में से एक ही के खिलाफ केस दर्ज किया है। बाकी तीन के खिलाफ केस दर्ज नहीं करने की हिम्मत पुलिस इसलिए हिम्मत नहीं उठा सकी है कि वे दबंग हैं और बालू भंडारण करने वालों के साथ हैं।

यही नहीं अचरज की बात यह भी है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है वह गांव में नहीं रहता है। वह शहर में घर-घर व दुकानों में आरती की थाली लेकर घूमता है और यजमानों द्वारा दिए गए दान से उसका व उसके परिवार का पेट भरता है। इन तमाम बातों की जांच पड़ताल किए बगैर ही जिले के अलीपुर थाना पुलिस ने शिवदयाल वैद्य को ही मुख्य दोषी मानते हुए खनन विभाग को रिपोर्ट दी और खनन विभाग ने बगैर अपने स्तर से जांच पड़ताल किए ही केस दर्ज कर दिया।

अब आलम यह है कि वह शहर के अपने यजमानों से मदद की गुहार लगा रहा है और यजमान भी उसकी मदद को आगे आते हुए पुलिस के दरवाजे खट खटा रहे हैं। इस मामले में राहत भरी बात यह है कि यजमान की पहल पर एसएसपी ने संबंधित मामले की जांच टिकारी एसडीपीओ गुलशन कुमार को जांच कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है।

क्या है पूरा मामला
शिवदयाल वैद्य जिले के कोंच प्रखंड अलीपुर थाने के हसनपुर गांव के रहने वाले हैं। वह शहर में रहते हैं और पूजा पाठ करा कर जीवन यापन कर रहे हैं। वैद्य की पुश्तैनी जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा हसनपुर नदी के किनारे है। उस पर कुछ दिनों से बालू माफियाओं ने भारी मात्रा में बालू स्टोर कर रखा है। इस बात की भनक किसी तरह से जब शिवदयाल वैद्य को लगी तो उसने अलीपुर थाने में 7 जुलाई को लिखित शिकायत की। थाने की ओर से उनकी शिकायत ले ली गई और उस पर रिसिविंग के प्रमाण भी दिए गए।

लेकिन शिकायत के तीसरे दिन ही अलीपुर पुलिस ने बगैर स्पॉट की जांच पड़ताल किए ही उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया। जबकि मौके पर जहां बालू भंडारण किया गया है वहां तीन और लोगों की जमीन है और उस पर भी बालू भंडारण है। अचरज की बात है कि पुलिस ने शिवदयाल वैद्य की जमीन पर 90 हजार घनफीट बालू भंडारण की बात कही है जो कि अकेले शिवदयाल वैद्य की छोटी सी जमीन पर किसी भी सूरत में संभव नहीं है।

इस मामले में जदयू के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता नगर निकाय चंदन यादव ने एसएसपी हरप्रीत कौर से लिखित शिकायत की। साथ ही उन्होंने सारे तथ्यों को एसएसपी के समक्ष रखा। यादव की लिखित शिकायत पर एसएसपी ने कार्रवाई करते हुए टिकारी एसडीपीओ को जांच सौंपी है।

