भोजपुर में रे’पकांड आरोपित पूर्व RJD विधायक ने किया स’रेंडर:आ’रोपी ने कहा- मैं निर्दोष हूं, मुझे न्याय मिलेगा

बिहार के सबसे चर्चित रेप कांड में भोजपुर जिला के संदेश विधानसभा से आरजेडी के पूर्व विधायक अरुण यादव ने शनिवार को आरा सिविल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने एडीजे छह (पॉक्सो कोर्ट) में खुद को सरेंडर किया। अरुण यादव को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत के लिए भेज दिया गया। अरुण यादव ने बताया कि मुझे फंसाया गया है, लेकिन मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है। इसलिए मैंने खुद को कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

चार आरोपितों को पहले ही कोर्ट में कर दिया है बरी

ज्ञात हो कि इस सेक्स कांड के चार आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने पहले ही बरी कर दिया है। रेप कांड में पीड़िता के भाई, बहन और परिजन सहित सभी गवाह अपने बयान से मुकर गए थे, जिसके बाद अवर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छह व पॉक्सो के विशेष न्यायालय ने गिरफ्तार मनरेगा इंजिनियर अमरेश कुमार, किशोरी को धंधे में धकेलने वाली अनिता देवी, उसके सहयोगी संजीत कुमार और संजय कुमार को बाइज्जत बरी कर दिया गया है।

2019 में सामने आया था मामला

मालूम हो कि 18 जुलाई, 2019 को पीड़िता पटना के सेक्स रैकेट संचालकों के चंगुल से भाग कर आरा आई थी। फिर पीड़िता के भाई ने नगर थाने में आवेदन देकर अनिता देवी और संजीत कुमार उर्फ छोटू के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराया था। इस मामले में नगर थाना में कांड संख्या 340/19 और पॉक्सो में कांड संख्या 47/19 दर्ज किया गया था। पीड़िता के 164 के पहले बयान में मनरेगा के इंजीनियर अमरेश कुमार तथा संजय कुमार उर्फ जीजा को आरोपित किया गया। जबकि 164 के दूसरे बयान में आरजेडी के पूर्व विधायक अरुण यादव आरोपित बनाए गए थे।

पूर्व विधायक की घर की हो चुकी थी कुर्की

पुलिस ने इस संबंध में 161 का बयान भी दर्ज किया था। उसके बाद भोजपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि बार-बार छापेमारी और कुर्की के बावजूद भी पूर्व विधायक को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। हालांकि, अब पीड़िता के भाई-बहन सहित सभी ने इस घटना के होने से इनकार कर दिया है। जबकि डॉक्टर ने अपनी मेडिकल रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा कि पीड़िता को कोई आंतरिक या बाह्य इंजरी नहीं है। जिसके बाद 16 जुलाई 2022 शनिवार को अरुण यादव ने सरेंडर कर दिया।

14 दिनों के न्यायिक हिरासत में अरुण यादव

अरुण यादव के वकील विष्णु धर पाण्डेय ने बताया कि 18 जुलाई 2019 को रेप कांड नगर थाने में दर्ज हुआ था। उस दौरान घटना करीब एक महीने पहले की बताई जाती है। गवाहों की गवाही के बाद गिरफ्तार सभी आरोपितों बरी कर दिया गया था। शनिवार को अरुण यादव ने भी एडीजे छह व पॉस्को कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में अरुण यादव को रखा जाएगा।

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