बांका :बदन पर खाकी वर्दी, कंधे पर स्टार के साथ कमर पर लटकती पिस्टल भला किसे अच्छी नहीं लगती. सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे अधिकांश युवक व युवतियां की चाहत होती है कि वह एक पुलिस अफसर बने. भले इसके लिए उसकी प्रेरणा कोई सुपरकॉप या फिर फिल्मों में दिखने वाला दबंग, सिंघम टाइप किरदार हो. कुछ इसी तरह की जिद ने बिहार की दो बहनों को भी दारोगा बना दिया, वो भी एक साथ. खास बात ये है कि इन दो बहनों ने कमर में सरकारी पिस्टल टांगने के लिए रेलवे, राजस्व पदाधिकारी सहित कई नौकरियों को छोड़ दिया और अंतत: वो मुकाम हासिल किया जिसकी उनकी तमन्ना थी.

बिहार पुलिस में बतौर सब-इंस्पेक्टर चयनित होने वाली दो बहनों, प्रियंका और पूजा की कहानी बिहार के बांका से है. इनको खाकी और डबल स्टार की जिद ने दरोगा बनने को प्रेरित किया और परिवार का सहयोग मिलने के बाद दोनों ने इसे संभव कर दिखाया. बांका की ये दो बेटियां सहोदर बहनें हैं. दोनों बहनों ने इस बार की दारोगा की परीक्षा में चयनित होकर बांकावासियों के लिये नयी मिसाल पेश की है. बांका शहर के करहरिया मुहल्ले के भोला प्रसाद गुप्ता का सीना इन बेटियों ने चौड़ा कर दिया है.

भोला जी की चार संतानों में से दो भाइयों के बाद की दो छोटी बेटियों ने बचपन में दारोगा को देखने के बाद से ही खाकी वर्दी और उस पर लगे स्टार के साथ कमर पर पिस्टल टांगने का शौक था जो दारोगा बनने के साथ पूरा हुआ. दारोगा बनने के लिये दोनों ने घंटों पढ़ाई की और अपने दूसरे बड़े भाई की देखरेख में फिजिकल की तैयारी की. खास बात ये है कि पिछले वर्ष भी दोनों बहनें दरोगा की परीक्षा में थीं जिसमें प्रियंका हाइट में छंट गयी थी तो पूजा एक नंबर से मेरिट नहीं क्लियर कर पायी थी. लेकिन, दोनों ने हार नहीं मानी.

भोला प्रसाद गुप्ता ने काफी गरीबी में बच्चों को पाला है. हाट में किराना दुकान लगाकर कड़ी मेहनत से कमाए पैसे से बच्चों की परवरिश की है. उनका सबसे बड़ा बेटा करीब आठ वर्ष पूर्व आईटीबीपी में जवान के रूप में तैनात है तो अब दोनों बेटियों ने दारोगा बनकर दोहरी खुशी दे दी है. माता मनोरमा देवी का कहना है कि काफी परेशानी झेलने के बाद पहले सबसे बड़ा बेटा आईटीबीपी का जवान बनकर देश की सेवा कर रहा है. वहीं, दोनों बेटियाँ दरोगा बनकर राज्य के अलग-अलग क्षेत्रो में सेवा देते हुए विधि व्यवस्था संभालने का कार्य करेंगी.


