मुजफ्फरपुर: विधवा ने शादी की तो पंचायत ने कहा- गांव छोड़ो:मुजफ्फरपुर में दंपती को 25 जुलाई तक की मोहलत

मुजफ्फरपुर की पंचायत ने विधवा को शादी पर गांव छोड़ने का फरमान सुनाया है। उसे 25 जुलाई तक की मोहलत दी गई है। साथ ही गांव नहीं छोड़ने पर अंजाम भुगतने को तैयार रहने की धमकी भी दी है। मामला गंडक नदी दियारा की चांदकेवारी पंचायत के धरफरी गांव का है।बताया गया कि धरफरी गांव की आंगनबाड़ी सेविका और तीन बच्चों की मां अनुराधा कुमारी के पति सुनील साह की मौत एक वर्ष पूर्व हो गई।

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पति की मौत के बाद वह अपने सास-ससुर और बच्चों के साथ रह कर आंगनबाड़ी सेविका का काम कर अपना जीवन निर्वहन कर रही थी। इस दाैरान बगल के ही युवक धर्मेन्द्र कुमार से उसका प्रेम-प्रसंग इतना परवान चढ़ा कि दोनों ने 16 जून 2022 को पूर्वी चम्पारण के केसरिया मंदिर में जाकर शादी रचा ली, फिर मुजफ्फरपुर न्यायालय में विगत 15 जुलाई 2022 को कानूनन शादी कर पति के साथ में रहने लगी। इधर, इस शादी से आस-पड़ोस के लोग आक्राेशित हाे गए।

अंतत: 17 जुलाई 2022 को गांव में ही पंचायत बुलाई गई। पंचों ने आपसी निर्णय लेते हुए आगामी 25 जुलाई तक दंपती को गांव छोड़ देने का फरमान जारी कर दिया। पीड़ित दंपती ने बताया कि स्थानीय जयराम साह के नेतृत्व में पंचायती बुलाई गई। हम दोनों को पंचाें ने 25 जुलाई तक गांव छोड़ने का आदेश दिया है। गरीब परिवार की बेटी या किसी विधवा की शादी के लिए सरकार 51000 की आर्थिक सहायता प्रदान करती है, लेकिन पंचों के इस तरह के अजीबोगरीब फैसले से हमारा जीना मुहाल हाे गया है।

दोनों ने बताया कि एसएसपी और डीएम को आवेदन देकर न्याय के साथ सुरक्षा की गुहार लगाई है। इधर, पंचाें में शामिल जयराम साह से इस बावत पूछे जाने पर बताया कि विधवा व प्रेम विवाह एक सामाजिक कुरीतियां हैं। दाेनाें ने अपराध किया है। दोनों को सबक मिलना जरूरी है, ताकि समाज में फिर ऐसी गंदगी नहीं फैल सके। थानाध्यक्ष उदय कुमार सिंह ने बताया कि दोनों बालिग हैं। गांव छोड़ने का पंचों द्वारा दिए गया आदेश कानूनन अपराध है। मामले की जांच कर दोषियाें पर कार्रवाई की जाएगी।

ये गलत है पंचायतों के ऐसे फैसले सभ्य समाज के लिए कलंक

विदित हो कि पंचायतें अजीब फैसले सुना रहीं है। इस पंचायत में फैसला सुनाने वाले गांव के रसूखदार और दबंग किस्म के लोग शामिल रहते हैं, जिसके खिलाफ पीड़ित पक्ष आवाज उठाने की जल्दी हिम्मत नहीं कर पाता। गलत फैसले पर भी हामी भरनी पड़ती है।

जून 2022 : सकरा की गनीपुर बेझा पंचायत के एक गांव में नाबालिग दूल्हा-दुल्हन को उत्तर प्रदेश से घर बुला कर पंचायत बैठाई गई और पंचों ने दूल्हा छोड़ने की कीमत 50 हजार लगाई थी।

वर्ष 2018 : करजा थाना क्षेत्र में गैंगरेप के मामले को रफा-दफा करने के लिए पंचायत बुला ली गई। पंचों ने 40 हजार रुपए लेकर लड़की पक्ष का मामला खत्म करने का फरमान सुना दिया।

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