खगड़िया के नगर थाना में पदस्थापित ASI सुरेंद्र यादव की आत्महत्या मामला में नया मोड़ आ गया है। मृत ASI की पत्नी रानी देवी ने नगर थानेदार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नगर थानेदार विनोद कुमार सिंह द्वारा बार-बार टॉर्चर किया जाता था। वो छुट्टी नहीं दिया जा रहा था। काम का अत्यधिक बोझ था। इसको लेकर प्रताड़ित भी किया जाता है।मृत ASI के भाई ने बताया कि हम लोगों ने 5 दिन पहले फोन किए थे। घर आने के लिए, लेकिन घर आने से इनकार कर दिया। कहा कि थानेदार द्वारा काम का लोड दिया गया है। इसलिए अभी घर नहीं आ सकते हैं। परिजन ने थानेदार पर आरोप लगाया कि यह आत्महत्या नहीं हत्या है।

बताया कि सुरेंद्र को किसी प्रकार की बीमारी नहीं थी। वहीं इस मामले में थानेदार विनोद कुमार सिंह ने बताया कि परिजनों द्वारा लगाए जा रहे सारे आरोप बेबुनियाद है। ASI सुरेंद्र यादव एक सप्ताह पहले 23 दिन की छुट्टी के बाद ड्यूटी पर लौटे थे। उन पर काम का किसी तरह को कोई दबाव नहीं था।
उच्चस्तरीय जांच की मांग की
वहीं शनिवार रात मंझले भाई ने खगड़िया में यूरिया की उपलब्धता के बारे में उनसे फोन पर बात की थी। रात पौने 9 बजे पत्नी ने भी बात की थी। इसके 18 घंटे बाद सुरेंद्र यादव की मौत की खबर आ गई। परिवार सहित ग्रामीणों को यह विश्वास नहीं हो रहा कि सुरेन्द्र अपने आपको गोली मार लेगा। परिजन इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
इधर ,भागलपुर से आई फोरेंसिक टीम ने मामले की जांच की। फोरेंसिक अधिकारी सर्वेश कुमार ने शव के हर बिंदु पर जांच की। हालांकि अधिकारी ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। इसके बाद परिजन के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम किया गया। उसके बाद शव को पुलिस लाइन लाया गया। जहां गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

बेटे को नौकरी देने की मांग
परिजन ने अधिकारी से मांग किया कि मृतक ASI के पुत्र को नौकरी दी जाए और सहायता राशि दी जाए। मालूम हो कि नगर थाना में एएसआई के पद पर पदस्थापित थे। यह 1996 बैच के दारोगा थे। इनका पैतृक घर सहरसा जिला के दूधाइला गांव है। इनके दो पुत्र और एक पुत्री है। एक पुत्र दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करता है। जबकि एक पुत्र व पुत्री पटना में रहकर पढ़ाई करते हैं।

1996 बैच के दरोगा सुरेंद्र भाई में थे सबसे बड़े
बता दें कि 1996 बैच के दरोगा सुरेंद्र यादव अपने तीन भाई में सबसे बड़े थे। उनके बाद वीरेंद्र यादव गांव में ही रहकर खेती-बाड़ी करते हैं। जबकि सबसे छोटा भाई धीरेंद्र को वर्ष 2004 में बिहार पुलिस में सिपाही की नौकरी मिल गई। वे औरंगाबाद जिला पुलिस बल में कार्यरत हैं। मृतक को तीन बच्चे हैं। जिनमें बड़ा बच्चा चंदन और पुत्री सोनम ने जहां स्नातक पास कर ली है। वहीं छोटा पुत्र कुंदन बीए की परीक्षा देने वाला है। तीनों बच्चे पटना में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि उनकी पत्नी रानी देवी गांव में रहकर खेतीबारी संभालती है। साथ ही घर का भी निर्माण कार्य की देखरेख कर रही थी।


