बांका में टूटा 20 साल का रिकॉर्ड:जुलाई में सबसे कम हुई बारिश, सावन में भी किसान झेल रहे मौसम की मार

बांका में मौसम की बेरुखी से बांका के किसान परेशान हैं। रजौन, धोरैया, शंभूगंज और अमरपुर के किसानों को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन प्रखंडों को धान की खेती का सबसे बड़ा बेल्ट माना जाता है। लेकिन यहां के किसानों की सारी मेहनत इस बार बेकार होती दिख रही है। पिछले 20 साल में सबसे कम इसी साल जुलाई में बारिश हुई।

163 9 mm less rain in July farmers helpless - जुलाई में हुई 163.9 मिमी कम बारिश, किसान बेहाल

दरअसल, जुलाई को धान की खेती का महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। करीब 80 फीसद धान की रोपनी जुलाई में ही होती है। लेकिन इस साल पिछले 20 सालों में सबसे कम बारिश जुलाई में ही हुई। हैरत की बात है कि 2013 में भी 126 एमएम बारिश हुई थी, जबकि उस वर्ष सरकार ने सुखाड़ घोषित किया था। लेकिन इस वर्ष जुलाई महीने में महज 92 एमएम बारिश हुई है। अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों को धान की रोपनी के लिए किस कदर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जिला सांख्यिकी पदाधिकारी हरे राम प्रसाद ने बताया कि बांका में सबसे अधिक बारिश जुलाई महीने में होती रही है। इसी बारिश पर धान की खेती करने वाले किसान निर्भर रहते हैं लेकिन 2022 की जुलाई में सबसे कम बारिश दर्ज किया गया है। सामान्य तौर पर जुलाई में 268 एमएम बारिश होती रही है। पिछले 8 साल के आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल 200 एमएम से अधिक बारिश हुई है। लेकिन इस साल महज 92 फिसत बारिश हुई है, इससे सुखाड़ के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

 

 

 

 

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