पटना। मानसून सीजन के 4 माह में जुलाई और अगस्त काफी अहम होता है। दो माह की बारिश ही किसानों के साथ बाजार का भविष्य तय करती है। इस बार मानसून सीजन में जुलाई के बाद अब अगस्त भी सूखा है। ऐसे हालात सूखा का संकेत दे रहे हैं। प्रदेश में अब तक सामान्य से 39% कम बारिश हुई है। 12 जिलों में सिर्फ 50 फीसदी ही पानी गिरा है।
मौसम विभाग के आंकड़ों में तो सूखा दिख रहा है, लेकिन अभी सरकार की तरफ से घोषणा बाकी है। हालांकि बारिश की स्थिति को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने चिंता जताई है। सरकार की तरफ से किसानों को राहत देने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन मानसून की मार से फसलों को बचा पाना बड़ी चुनौती है।
बिहार में मानसून सीजन चल रहा है, लेकिन मानसून वाली बारिश नहीं हो रही। राज्य के 20 जिलों में बारिश औसत से काफी कम है। इसमें एक दर्जन जिले तो ऐसे हें जहां सामान्य से 50 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है।
इन जिलों में हालात काफी खराब हैं। नालंदा, शेखपुरा, जमुई के साथ आधा दर्जन जिलों में बारिश के कारण जल स्तर पर भी प्रभाव पड़ा है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसूनी बारिश नहीं हो रही है।
पटना सहित राज्य के अन्य जिलों में छिटपुट बारिश हो रही है। ऐसी बारिश से खेती का काम पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है। किसानों को धान की रोपाई में डीजल का खर्च भारी पड़ रहा है। अधिक संख्या में किसान बारिश को लेकर टकटकी लगाए हुए हैं।
