उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपनी नई छवि गढ़ रहे हैं। इस तरह से लोग पहली बार उन्हें बदलते हुए देख रहे हैं। उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में सार्वजनिक रुप से नीतीश कुमार के पैर छूए। उन्हें नीतीश कुमार की पुरानी डांट में भी अब प्यार छलका हुआ दिख रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि नीतीश जी ने सदन में कैसे कहा था ‘मेरे भाई समान दोस्त का बेटा…!’
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तेजस्वी यादव के इधर के चार-पांच दिनों के बयानों को सुनें तो आपको लगेगा कि नीतीश चाचा से बेहतर नेता तो बिहार में कोई है ही नहीं! इसका विश्लेषण लोग दो तरह से कर रहे हैं। पहला तो यह कि तेजस्वी अब चतुर-चालाक हो गए हैं! दूसरा यह कि नीतीश कुमार से काफी कुछ सीख रहे हैं तेजस्वी यादव!

पांच साल सदन नहीं जाने की प्रतिज्ञा ली थी तेजस्वी ने
ऐसा नहीं है कि तेजस्वी यादव जिस तरह से नीतीश कुमार की डांट में भी प्यार ढ़ूंढ़ रहे हैं उसे उनकी पार्टी के कार्यकर्ता या पब्लिक नहीं समझ रही। खूब समझ रही है। राजद के विधायकों की किस तरह से पिटाई हुई थी सदन में और राजद के महिला विधायकों के साथ किस तरह से ‘चीर हरण’ हुआ था उसे कौन भूल सकता है! तब तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया था कि-‘ नीतीश कुमार के इशारे पर ही उनके विधायकों को सदन में पिटवाया गया।’

इस घटना के बाद तेजस्वी ने प्रतिज्ञा ली थी कि नीतीश कुमार माफी नहीं मांगेंगे तो पांच साल सदन नहीं जाएंगे। तब एक प्रेस कांफ्रेस में तेजस्वी ने नया नामकरण करते हुए ‘निर्लज्ज कुमार जी’ कहा था। उस समय तेजस्वी का एक ट्वीट काफी चर्चा में रहा था और नीतीश कुमार ने उस पर काफी आपत्ति दर्ज की थी। उस ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा था- ‘ नीतीश कुमार को इंद्रिय रस प्राप्त हो रहा होगा जब सदन में उनके गुंडे महिला विधायकों की साड़ी उतार उनके ब्लाउज में हाथ डाला जा रहा था। मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां देकर बाल पकड़ कर घसीटा जा रहा था। इस शर्मनाक घटना के बाद रात्रि में “निर्लज्ज कुमार” नृत्य-संगीत का आनंद उठा रहे थे।’

जगदानंद सिंह कई बार कह चुके – नेता प्रतिपक्ष पद की गरिमा नहीं समझते नीतीश
नीतीश कुमार मुख्यमंत्री रहते हुए तेजस्वी यादव पर जिस तरह से बयान देते रहे उसको लेकर राजद का आरोप रहा नेता प्रतिपक्ष पद की गरिमा नहीं समझते मुख्यमंत्री। इसको लेकर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने की बार प्रेस कांफ्रेस में इस ओर ध्यान दिलाया। लेकिन अब नीतीश- तेजस्वी जब साथ हैं तो तेजस्वी नई व्याख्या कर रहे हैं।

लालू प्रसाद ने नाम रखा पलटू राम, तेजस्वी ने प्रचारित किया
लालू प्रसाद कह चुके हैं ‘चादर ओढ़कर भारत के इतिहास में बड़ी पलटू नीतीश कुमार ने मारी’। इनको पलटू राम ही कहिए। इसके बाद राजद का हर छोटा-बड़ा नेता नीतीश कुमार को पलटू राम कहने लगा। लालू प्रसाद के बेटों ने भी उन्हें कई बार पलटू राम कहा। लेकिन अब नीतीश, पलटू नीतीश नहीं बल्कि चाचा नीतीश हैं।

भाजपा को रोकने के लिए विचारों की लड़ाई!
तेजस्वी के नीतीश, ‘अब थके हुए, सिर्फ समय काटने वाले मुख्यमंत्री’ नहीं हैं! तेजस्वी के नीतीश विधान सभा में विपक्षी विधायकों को पिटवाने वाले नीतीश नहीं हैं! तेजस्वी के नए नीतीश काउंटिंग में धांधली करवाने वाले नीतीश नहीं हैं! जनमत की चोरी कर चोर दरवाजे से नीतीश मुख्यमंत्री नहीं बने थे! तेजस्वी यादव को लोग पहली बार नए रुप- रंग में देख रहे हैं। तेजस्वी यह कहते हुए नीतीश कुमार के साथ हैं कि वे (तेजस्वी) विचारों की लड़ाई लड़ रहे हैं, भाजपा को रोक रहे हैं।
