पटना। विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। मंगलवार को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे जो नोटिस दी गई है, वह नियमों और प्रावधान के खिलाफ है। मैं इस्तीफा नहीं दूंगा।
सदन में अपनी बात रखूंगा। कल यानी बुधवार को मेरे खिलाफ वोटिंग नहीं होगी। सरकार पहले अपना विश्वास मत हासिल करे, फिर आगे का देखेंगे। इस्तीफा देने से मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचेगी। यह बात उन्होंने विधानसभा में आयोजित प्रेस सलाहकार समिति की बैठक में कहा।
बता दें महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बुधवार से विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि वे अपना इस्तीफा दे देंगे। अब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से ही हटाए जाएंगे।
अगर ऐसा होता है तो वे बिहार के पहले विधानसभा अध्यक्ष होंगे जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से हटाया जाएगा। वहीं वे चौथे स्पीकर होंगे, जिनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।
इससे पहले 1960, 1970 और 1992 में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था। हालांकि, तीनों बार अध्यक्ष की कुर्सी बच गई थी।
सत्ताधारी दल समेत 7 पार्टियों के 50 विधायकों ने विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सूचना विधानसभा के सचिव को दी थी। संवैधानिक व्यवस्था के तहत स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने के 14 दिन बाद ही उस पर चर्चा हो सकती है। विजय सिन्हा ने कहा कि अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कार्य किया हूं। 20 महीने के छोटे कार्यकाल में कई उद्घाटन हुए, पीएम मोदी भी विधानसभा आए। उन्होंने कहा कि बुधवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में नियमानुकूल काम होंगे। सरकारी कार्य पहले होता है इसलिए पहले सरकारी कार्य होगा। इसके बाद कोई कार्य लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं लोकतंत्र में अटूट आस्था रखता हूं।
