13 वर्ष की उम्र में परिवार की डांट से गुस्सा हो कर निकला युवक 13 वर्ष तक दर दर की ठोकर खाता रहा। परिवार ने बेटे को हर जगह तलाश किया लेकिन कहीं कोई सफलता नहीं मिली। बेटा 13 वर्ष तक दर दर की ठोकर खाने से मानसिक रूप से परेशान हो गया और रहने लगा विक्षिप्त की तरह। लेकिन बिहार के रहने वाले परिवार में उस समय खुशी छा गई जब गांव के मुखिया ने उनको बताया कि उनका छोटू सही सलामत है और वृंदावन में है।

वृंदावन की सड़कों पर रहकर समय गुजार रहा था छोटू
बिहार के सहरसा जिला के सोरे बाजार थाना क्षेत्र के गांव सहूरिया निवासी अमन कुमार उर्फ छोटू 13 वर्ष पहले परिजनों द्वारा किसी बात पर डांट दिए जाने से नाराज हो कर घर छोड़कर निकल गया। इसके बाद वह कभी कहीं तो कभी कहीं गया लेकिन उसे सुकून कहीं मिला। छोटू किसी तरह तरह भगवान राधा कृष्ण की भूमि वृंदावन पहुंच गया जहां वह सड़कों पर घूमता जो मिल जाता और खा लेता और अपनी जिंदगी काटने लगा।

अकेलेपन ने बना दिया मानसिक कमजोर
वृंदावन की सड़कों पर छोटू का दिन कहीं कट रहा था तो रात कहीं। कभी भटकते हुए बांके बिहारी मंदिर पहुंच जाता कभी रंगनाथ मंदिर तो कभी प्रेम मंदिर। जहां कुछ मिल जाता वह खा कर अपना पेट भर लेता। अकेलेपन ने छोटू को मानसिक रूप से कमजोर बना दिया। बढ़े हुए बाल और फटे हुए कपड़ों ने उसकी पहचान बदल दी। राह चलता कोई कुछ दे जाता उसी के सहारे वह अपना जीवन जी रहा था।
राहगीर ने दी अपना घर संस्था को सूचना
शारीरिक या मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों की देखभाल और संस्था में रखकर उनका इलाज करने वाली सामाजिक संस्था अपना घर को 30 जून 2022 को किसी राहगीर ने छोटू के बारे में सूचना दी। जिसके बाद संस्था के पदाधिकारी छोटू को अपना घर आश्रम ले आए। जहां उसकी देखभाल की और दवाएं शुरू कर दी।

प्रियकांत जू मंदिर के पास से किया संस्था पदाधिकारियों ने किया रेस्क्यू
30 जून 2022 को किसी राहगीर ने छोटू की स्थिति देखी और उसकी सूचना तत्काल अपना घर संस्था के पदाधिकारियों को दी। सूचना पर अपना घर के पदाधिकारी प्रियकांत जू मंदिर के पास पहुंचे और वहां से अमन कुमार उर्फ छोटू को आश्रय स्थल ले आए। जहां उसका इलाज शुरू कर दिया।
50 दिन के इलाज और काउंसिलिंग के बाद छोटू ने बताया पता
अपना घर आश्रम लाने के बाद संस्था पदाधिकारियों ने छोटू की देखभाल करना और इलाज शुरू कर दिया। जिसके बाद उसकी हालत में धीरे घेरे सुधार होने लगा। इस दौरान संस्था के पदाधिकारी दीनदयाल खंडेलवाल, धन्ना चौधरी , सुधीर शुक्ला,मनो चिकित्सक डॉक्टर रंजीत चौधरी और फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर सौरभ जोशी ने छोटू की काउंसिलिंग शुरू कर दी। जिसके बाद छोटू को कुछ अपने बारे में याद आने लगा। करीब 50 दिन के इलाज और काउंसिलिंग के बाद छोटू ने अपना पता बिहार के सहरसा जिला के गांव सहूरिया बताया।

पता बताने के बाद दी परिवार को सूचना
अमन कुमार उर्फ छोटू के द्वारा दी गई जानकारी के बाद संस्था के पदाधिकारियों ने सहरसा के थाना सोर बाजार से संपर्क किया। थाना सोर बाजार ने इसकी जानकारी सहुरिया गांव के मुखिया को दी। जिसके बाद मुखिया छोटू के घर पहुंचे और उनको बताया कि 13 वर्ष पहले गायब हुआ छोटू सकुशल है और इस समय वृंदावन में है।
छोटू के सकुशल होने की जानकारी मिलने के बाद नहीं हुआ विश्वास
मुखिया ने जब यह जानकारी छोटू के परिजन को दी तो उनको एक बार के लिए विश्वास नहीं हुआ। जिसके बाद छोटू के परिजन मुखिया के साथ थाना गए जहां पुलिस ने उनको बताया कि छोटू के बारे में वृंदावन स्थित अपना घर से सूचना आई है। इस पर भी परिवारीजन विश्वास नहीं कर पा रहे थे क्योंकि उन्होंने छोटू की तलाश में देश का ऐसा कोई शहर नहीं था जहां उसको नहीं तलाशा था। इसके बाद पुलिस ने वीडियो कॉल के जरिए वृंदावन अपना घर से छोटू को दिखाया तो वह तुरंत ही वृंदावन के लिए निकल लिए।

छोटू को देख मां की आंखों से बह निकली आंसुओं की धारा
जानकारी मिलने पर परिवार 1100 किलोमीटर दूर सहरसा से वृंदावन के लिए निकल पड़ा। परिवार पहले ट्रेन से दिल्ली पहुंचा और फिर वहां से वृंदावन पहुंचे। यहां परिवार बिना कहीं रुके सीधे अपना घर आश्रम पहुंचे। जहां जब परिवार ने छोटू को देखा तो मां सुलेखा देवी की आंखों से आंसुओं की धारा बह निकली। मां अपने लाडले को सामने देख सहज विश्वास ही नहीं कर पा रही थी कि जिस बेटे को तलाशने के लिए उसने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी वह 13 साल बाद इस हाल में मिलेगा।

भाई बहन में सबसे छोटा है छोटू
अमन कुमार उर्फ छोटू 2 भाई और दो बहन हैं। अमन भाई बहन में सबसे छोटे हैं इसीलिए अमन को घर पर सब छोटू कहते थे। अमन के बड़े भाई अनमोल कुमार,बहन किरन और गुड़िया सभी की शादी हो चुकी है। अमन के भाई अनमोल ने बताया कि वह बता नहीं सकते कि उनको और परिवार को कितनी बड़ी खुशी मिली है। अमन का यह दूसरा जन्म है।

बांके बिहारी ने लौटाया बेटा
अमन कुमार उर्फ छोटू को लेने आई मां सुलेखा देवी ने बताया कि 3 महीने पहले वृंदावन आए थे। यहां भगवान बांके बिहारी के दर्शन किए और बहार बाजार से लड्डू गोपाल लिए। सुलेखा ने बताया कि वह लड्डू गोपाल को छोटू मानकर ले गई और बांके बिहारी जी से गुहार लगाई कि वह छोटू को वापस दिला दें। अमन की मां ने बताया कि बांके बिहारी जी ने उनकी गुहार सुन ली और अपनी ही नगरी में बेटे को सकुशल मिलवा दिया।
