दरभंगा : आप प्रफेशनल क्रिकेट खेलना चाहते हैं और आपमें क्वॉलिटी के साथ-साथ जुनून भी है तो जाहिर है कि आपका सपना टीम इंडिया की ब्लू जर्सी भी होगी. जी हां यही सपना है दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड के बिजवारा गांव की रहनेवाली सरिता का. फिलहाल तो सरिता अपने सपने की ओर बढ़ती दिख रही है. उसका चयन बिहार अंडर-19 महिला T20 टीम के 40 सदस्यीय प्रिपरेटरी कैंप के लिए हुआ है.

दरभंगा की सरिता के संघर्ष की कहानी काफी प्रेरणादायक है. क्रिकेट का जुनून ऐसा कि प्रैक्टिस के लिए रोजाना 15 किमी का सफर ट्रेन से पूरा करती थी. घर की आर्थिक स्थिति कभी सरिता का हौसला नहीं तोड़ पाई. मन एक ही जुनून है कि हर हालत में हासिल करनी है टीम इंडिया की ब्लू जर्सी. फिलहाल सरिता का चयन बिहार अंडर 19 महिला T20 टीम के 40 सदस्यीय प्रिपरेटरी कैंप के लिए हुआ है. शुक्रवार को बिहार क्रिकेट संघ ने खिलाड़ियों की सूची जारी कर दी है. इस लिस्ट में दरभंगा की सरिता का नाम बतौर ऑल राउंडर गेंदबाज दर्ज है.

मां के दम से बढ़े कदम
दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड क्षेत्र के बीजवारा गांव (कोयलास्थान) की रहनेवाली सरिता के पिता अब इस दुनिया में नहीं है. आज वह जिंदा होते तो अपनी बेटी को इस मुकाम पर देख कर गौरवान्वित हो रहे होते. सरिता के पिता का नाम भोला मांझी था. मां रामपरी देवी का कहना है कि सरिता बचपन से ही खेलने-कूदने में काफी तेज-तर्रार रही है.

यूनिवर्सिटी स्तर पर अंडर-19 की थी उपकप्तान
सरिता के क्रिकेट ट्रेनर सुजीत ठाकुर बताते हैं कि उसका सलेक्शन स्टेट टीम में हुआ है. इससे हमारे कैंप में काफी खुशी है. इससे पहले भी अंडर-19 टीम में सरिता का सलेक्शन हुआ था. वह काफी मेहनत करती है. हमारे यहां दो से तीन लड़कियां हैं, जो काफी दूर से क्रिकेट खेलने आती हैं, जिनमें सरिता भी है. वह केउटी से आती है जो यहां से तकरीबन 15 किलोमीटर दूर है और पायल 20 से 25 किलोमीटर दूर रोज ट्रेन से आती-जाती है. इनलोगों का अच्छा परफॉर्मेंस रहा है. ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी खेल चुकी हैं. वहां भी अच्छा प्रदर्शन किया है. यहां के खिलाड़ी अंडर-19 में उपकप्तान भी रह चुकी है.





