मुजफ्फरपुर : नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:। शक्ति उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा सोमवार को कलश स्थापना के साथ आरंभ हो गया, चार अक्टूबर मंगलवार को पूर्णाहुति होगी।
उत्तरा फाल्गुनी व हस्त नक्षत्र के साथ शुक्ल एवं ब्रह्म योग के युग्म संयोग में कलश स्थापना के साथ जयद योग में घरों से लेकर मंदिरों व पूजा पंडालों में श्रद्धालु मां भगवती की विधि विधान के साथ नौ दिनों तक पूजा-अर्चना करेंगे। नवरात्र के दौरान भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा होगी।
देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां दुर्गा का आगमन और विदाई हाथी पर होने से भक्तों को सुख-समृद्धि, कामना पूर्ति के साथ देश में खुशहाली का वातावरण बने होने के साथ अच्छी वर्षा के शुभ संकेत हैं।
शारदीय नवरात्र के दौरान ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बना रहेगा। पंडित प्रभात मिश्र, अभिनव पाठक समेत अन्य ज्योतिष आचार्यों के अनुसार, नवरात्र के दौरान सर्वार्थ सिद्धि, द्विपुष्कर, रवियोग, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग एवं जयद् योग शुभ संयोग बना रहेगा। नवरात्र के दौरान चल-अचल संपत्ति में निवेश, आभूषण, वाहन की खरीदारी शुभ है।




