पटनाः एक बार फिर से आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर लालू प्रसाद यादव बने रहेंगे. आरजेडी सूत्रों का भी कहना है कि लालू ही अध्यक्ष होंगे. कल दिल्ली में अध्यक्ष पद के लिए वे नामांकन करेंगे. इस मौके पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी भी शामिल होंगे.
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निर्वाचन संबंधी कार्यक्रम की घोषणा
राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी उदय नारायण चौधरी द्वारा पार्टी के संगठनात्मक चुनाव सत्र 2022-2025 के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन सम्बन्धी कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है. इस बारे में जानकारी देते हुए राजद के सहायक राष्ट्रीय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी चितरंजन गगन ने बताया कि 26 सितम्बर 2022 को राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों की सूची का तदर्थ प्रकाशन किया जाएगा. जबकि राष्ट्रीय परिषद सदस्यों की अन्तिम सूची का प्रकाशन 27 सितम्बर 2022 को केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली, केन्द्रीय कैम्प कार्यालय पटना एवं सभी राज्यों के राज्य कार्यालयों में कर दिया जाएगा.

9 अक्टूबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया 28 सितम्बर 2022 को केन्द्रीय कार्यालय (13, बिट्ठल भाई पटेल भवन, नई दिल्ली 110001) में सम्पादित होगी. उसी दिन अपराह्न 5 बजे वैध पाये गये उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी जाएगी. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 9 अक्टूबर 2022 को नई दिल्ली स्थित एनडीएमसी के कन्वेंशन सेंटर में निवर्तमान राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिसमें राष्ट्रीय परिषद की बैठक एवं पार्टी के खुले अधिवेशन में रखे जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी.

तालकटोरा स्टेडियम में राष्ट्रीय परिषद की बैठक
10 अक्टूबर 2022 को नई दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी. जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों का चुनाव होगा और नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इसके बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष की अध्यक्षता में खुला अधिवेशन होगा. जिसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा पेश प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी.

1997 में आरजेडी का गठन
आपको बताएं कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 5 जुलाई 1997 को जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया था. इन 25 सालों में पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखें है. स्थापना के करीब 8 साल सत्ता में रही, उसके बाद से लगातार विपक्ष में ही है. हालांकि इस बीच में साल 2015 से 2017 में नीतीश कुमार की अगुवाई में साझा सरकार चलाने का अवसर जरूर मिला. वहीं मनमोहन सिंह की सरकार में 2004-2009 के दौरान लालू यादव समेत कई सांसद केंद्रीय मंत्री भी थे.

बिहार की सबसे बड़ी पार्टी
हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी 75 सीट लाकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता भी नहीं खुला था. वहीं राज्यसभा में आरजेडी के 6 सदस्य और विधान परिषद में भी 6 सदस्य हैं. इसके अलावे झारखंड विधानसभा में एक विधायक हैं, जो कि वहां की हेमंत सरकार में मंत्री भी हैं.


