बक्सर में जंगली सुअर का उत्पात, हमले में 4 किसान बुरी तरह से घा’यल

बक्सरःबिहार के बक्सर में खेतों के अंदर काम कर रहे किसानों पर एक जंगली सूअर ने अचानक हमला कर दिया, इस हमले में चार किसान लहूलुहान हो गए. आनन-फानन में सभी को सिमरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. वहीं, सुअरों के आतंक से डर के इलाके के किसानों ने खेतों में काम करना छोड़ दिया है.

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4 किसान बुरी तरह घायल

जिले के डुमरांव अनुमंडल के सिमरी प्रखण्ड में खेतों में काम कर रहे किसानो पर जंगली सुअर ने हमला कर दिया. जिसमें 4 किसान बुरी तरह से घायल हो गए. इस हमले में किसी की आंत फट गई है, तो किसी के कंधे की हड्डी टूट गई है. उसके बाद भी जिला प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं टूट रही है. आलम यह है कि किसानों ने अब सुअरों के भय से खेतों में जाना छोड़ दिया है. ग्रामीणों ने बताया कि बार-बार अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी उनकी नींद नहीं टूट रही है. डर से किसानों खेतो में काम करना छोड़ दिया है।

सभी का चल रहा अस्पताल में इलाज

ग्रामीणों ने बताया कि सिमरी प्रखण्ड के छोटका राजपुर के रहने वाले किसान बुआ शंकर, पिता रामदयाल शंकर, हरि शंकर पासवान, पिता रामनरायण पासवान खेतो में काम कर रहे थे, तभी जंगली सुअर ने हमला कर दिया. जिसमें दोनों बुरी तरह से घायल हो गए. आस-पास के खेतों में काम कर रहे किसानों ने किसी तरह से सुअरों को खदेड़कर उन्हें सिमरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा है. इस घटना के कुछ ही देर बाद सिमरी थाना क्षेत्र के दुधीपट्टी गांव निवासी राजेश यादव और एक अन्य किसान पर भी सुअरों ने हमला कर उन्हें बुरी तरह से घायल कर दिया.

बाढ़ की पानी में बहकर आया जंगली सुअरों का झुंड

सिविल प्रखंड के गंगा दियारा इलाके के ग्रामीणों ने बताया कि अगस्त महीने में जो भीषण बाढ़ आई थी उसी में किसी अन्य जगह से बहकर जंगली सुअरों का झुंड बक्सर में आया है. सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित इलाके सिमरी में ही जंगली सुअर देखे जा रहे है. उसके बाद भी प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नहीं है.

पहले भी हो चुका है हमला

गौरतलब है कि जिले में जंगली सुअरों की आतंक से लोग काफी भयभीत है. कुछ महीने पूर्व ही नया भोजपुर ओपी क्षेत्र में जंगली सुअर ने एक किसान के जांघ का पूरा मांस ही नोच डाला था. किसानों का कहना है कि इस परेशानी को लेकर जब लोगों ने विभाग के अधिकारियों को फोन किया तो किसी ने फोन ही नहीं उठाया.

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