देश के सभी राज्यों में करवा चौथ का चांद नजर आया. महिलाओं ने चांद को अर्घ्य देकर अपना व्रत पूरा किया. बता दें कि इस खास दिन पर सुहागन महिलाएं अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा का खास महत्व है.
यह मुहूर्त करवा चौथ की पूजा के लिए बहुत ही अच्छा था. इस दौरान माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. लेकिन बिना चंद्रमा के दर्शन और जल अर्पित किए बिना यह व्रत पूर्ण नहीं होता है. इसके चलते करवा चौथ के दिन चांद का खास महत्व होता है.
व्रत में चांद को लेकर व्रती महिलाएं बेसब्री से इंतजार करती हैं. हालांकि अभी कृष्ण पक्ष चल रहा है तो ऐसे में चांद देर से निकलता है. इस व्रत में श्रृंगार का खास महत्व होता है. महिलाएं इसमें दुल्हन की तरह तैयार होती हैं और लाल जोड़ा या साड़ी पहनती हैं. दरअसल, हिन्दू धर्म में लाल रंग को सुहाग का प्रतीक माना जाता है.













