20 साल बाद इन 43 लोगों को मिली आजादी, महिलाएं और बच्‍चे भी बंधुआ मजदूरी को थे मजबूर….

शेखपुरा: जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करके शेखपुरा थाना अंतर्गत कुसुंभा ओपी के लोदीपुर गांव से 43 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर की गई है। बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराकर इनके 9 नियोक्‍ताओं के खिलाफ बंधुआ मजदूरी निषेध कानून के तहत शेखपुरा थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।

बंधुआ मजदूरी पर आमने-सामने दत्तू और दत्तात्रेय - Dattatreya and Dattu face  to face on bonded labor matterनौ परिवारों से जुड़े हैं 43 बंधुआ मजदूर 

जिला प्रशासन के अधिकारी ने बताया पूरी जांच-पड़ताल और बंधुआ मजदूरों के बयान दर्ज करने के बाद प्राथमिकी कराई गई है। अब मुक्त हुए बंधुआ मजदूरों को सरकारी सहायता उपलब्ध कराने की कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। अधिकारी ने बताया 43 बंधुआ मजदूर 9 परिवारों से जुड़े हैं।

20 साल से करा रहे थे जबर्दस्‍ती काम 

गांव के दबंग किसान इन सभी को पिछले लगभग 20 वर्षों से जबरन बंधुआ मजदूरी करा रहे थे और कम मजदूरी देने के साथ दूसरे यहां काम करने भी नहीं देते थे। इस मामले में लोदीपुर के किसानों ताना सिंह, टुन्नी सिंह, पंकज कुमार, दीनानाथ सिंह, रवींद्र यादव, उदय सिंह, मदन यादव, मुन्ना सिंह के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग में गया मामला

लोदीपुर में बंधुआ मजदूरी का यह मामला जस्टिस वेंचर नाम के एक स्वयंसेवी संस्था ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास उठाया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश पर जिला पदाधिकारी सावन कुमार ने अनुमंडल पदाधिकारी निशांत की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित करके इस मामले की जांच कराई। जांच में डीएसपी मुख्यालय भी शामिल थे।

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