मुज़फ्फरपुर. दीवाली के अगले दिन सूर्यग्रहण मुज़फ्फरपुर के लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना रहा. शहर में शाम 4:42 से शुरू हुआ ग्रहण 5:22 तक लोगों को दिखाई दिया. इसकी सुंदरता की खूब चर्चा हुई. च्रंदमा के आकार के नारंगी रंग वाले सूर्य को डूबता देख उसकी तस्वीर भी फोन में कैद कर ली. इस दौरान लोगों में यह उत्साह भी दिखा कि वे इस ऐतिहासिक पल के गवाह बन गए. मुज़फ्फरपुर में कई लोग इसलिए भी सूर्यग्रहण को लेकर उत्साहित थे क्योंकि वे पहली बार इतनी स्पष्टता से यह अद्भुत दृश्य देख रहे थे.
सूर्यग्रहण के इस मनमोहक दृश्य को देखने के लिए कुछ ने चश्मे और एक्स रे प्लेट का प्रयोग किया. ग्रहण के बाद लोगों ने घर और पूजा स्थान को पानी से धोने के बाद भगवान की संध्या पूजा अर्चना की. ग्रहण के दौरान मुज़फ्फरपुर के सभी मंदिरों के पट भी बंद रहे. साहू रोड स्थित राम जानकी दरबार मंदिर के पुजारी ने बताया की सूतक काल से ग्रहण समाप्त होने तक मंदिर के पट को मान्यता अनुसार बंद रखा गया. भोर के 4 बजे से संध्या के 5:22 तक मंदिरों में न तो पूजा हुई और न ही श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन. इसके बाद मंदिर में विराजमान सभी देवताओं का पंचामृत स्नान कराकर वस्त्र बदले गए, फिर पूजा आराधना संपन्न हुई.
रोमांच और दुर्लभ क्षण के गवाह बने युवा
सूर्यग्रहण देखने वाले मुज़फ्फरपुर गौशाला रोड के निवासी 19 साल के सुमन कुमार ने बताया ‘मैंने अपने जीवन में ऐसा पहली बार देखा. स्कूल में शिक्षकों ने सोलर एकलिप्स के बारे में बताया था, आज अपनी आंख से देखकर बहुत अच्छा लगा. यह बहुत ही ऐतिहासिक पल था.’ कन्हौली निवासी 14 वर्षीय रागिनी ने चश्मा लगाकर ग्रहण देखा, रागिनी ग्रहण देखकर बहुत खुश नजर आईं. उन्होंने कहा कि सूर्यग्रहण का चश्मदीद बनना अपने आप में अद्भुत क्षण रहा.





