बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परिसर, सभी महिला छात्रावासों और कालेजों में छात्राओं के लिए वेंडिंग मशीन लगाया जाएगा। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कवायद शुरू की है। इस मशीन से छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन सस्ते दर पर 24 घंटे उपलब्ध हो सकेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से दिए गए निर्देश पर इस दिशा में कार्य शुरू हो गया है। शीघ्र ही निविदा जारी कर विश्वविद्यालय परिसर और छात्रावास में मशीन इंस्टाल किया जा सकेगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.आरके ठाकुर ने बताया कि यूजीसी का पत्र मिला है। छात्राओं की सुविधा के लिए वेंडिंग मशीन लगाने को कहा गया है। इस दिशा में कार्य हो रहा है। शीघ्र ही छात्राओं को इसकी सुविधा विश्वविद्यालय परिसर, कालेज और छात्रावासों में भी मिलने लगेगी। छात्राओं की पढ़ाई बाधित नहीं हो और उन्हें मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी नैपकिन के लिए भागदौड़ के क्रम में होने वाली परेशानी को दूर करने को लेकर पहल की जा रही है।

लड़कियों को मिलेगा आत्मरक्षा का प्रशिक्षण
विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध सभी कालेजों में अब छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। छात्राओं के साथ यदि किसी प्रकार का दुर्व्यवहार किया जाता है तो ऐसी स्थिति में वे स्वयं भी इस स्थिति से निपटने में सक्षम होंगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, इससे संबद्ध सभी शिक्षण संस्थान समेत प्रदेश भर के सभी उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों के लिए यह दिशानिर्देश जारी किया है। कहा गया है कि संस्थानों में छात्राओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए निर्देश को सख्ती से लागू करना होगा। विश्वविद्यालय समेत सभी कालेजों में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (आइसीसी) को अनिवार्य रूप से गठित करने को कहा गया है।

छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खुलेगा केंद्र
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के लागू होने के बाद यूजीसी ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है कि छात्रावास में रहनेवाली छात्राओं को पाठ्यक्रम के अतिरिक्त आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगारपरक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसमें इंडस्ट्री और अन्य क्षेत्र से विशेषज्ञों को बुलाकर छात्राओं की रूचि के अनुसार उन्हें प्रशिक्षण देकर तैयार किया जाएगा। इसके लिए छात्रावास परिसर में वोकेशनल स्किल डेवलपमेंटर सेंटर की स्थापना की जाएगी।

छात्राओं के खिलाफ हिंसा की देनी होगी वार्षिक रिपोर्ट
सभी कालेजों को शैक्षणिक सत्र के अंत में एक रिपोर्ट विश्वविद्यालय को देना होगा। इसमें संस्थान यह विवरण देंगे कि उनके यहां कितनी छात्राओं ने अपनी समस्याओं को लेकर शिकायत की। साथ ही आइसीसी के माध्यम से उस समस्या का किस स्तर पर निपटान किया गया।




