नाम है भोला लेकिन काम….50 हजार रुपये लेकर ढूंढ़ रही पुलिस

पटना ; मुखिया पति लालजी सिंह उर्फ धीरज हत्याकांड में शामिल शूटर रघुनाथ व उसके तीन अन्य साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन मास्टरमाइंड पंडारक का कुख्यात भोला सिंह और उसके भाई मुकेश की गिरफ्तारी पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। भोला के खिलाफ दो माह पूर्व पंडारक थाना से इनाम का प्रस्ताव भी भेजा गया था, जिसपर मुहर लग चुकी है। उसके खिलाफ 50 हजार रुपये का इनाम है। ऐसे में एक तरफ पटना पुलिस दबिश दे रही है तो दूसरी तरफ एसटीएफ भी उसके ठिकाने के बारे में जानकारी जुटा रही है।

Crime News, Latest Crime News, Rape, Criminal Cases, Crime News Online -  India Todayभोला पर है 50 हजार रुपये का इनाम 

एसएसपी डा. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि लालजी हत्याकांड में रघुनाथ सहित चार शूटरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। भोला सिंह, उसके भाई मुकेश सहित अन्य की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। पंडारक पुलिस ने पूर्व में भोला के घर की कुर्की के बाद भोला पर इनाम का प्रस्ताव भेजा था। उसके खिलाफ 50 हजार का इनाम है। पुलिस सूत्रों की मानें तो लालजी हत्याकांड के बाद ही भोला और उसके भाई ने पटना छोड़ दिया। वह कुछ दिनों तक झारखंड में रहा, लेकिन जैसे ही पुलिस को उसके ठिकाने की जानकारी मिली उसने ठिकाना बदल दिया। सूत्रों की मानें तो भोला के कई साथी दिल्ली और नोएडा में छिपकर रहते है। भोला का दिल्ली, नाएडा, यूपी, पश्चिम बंगाल से लेकर नेपाल में भी ठिकाना है। आठ साल पूर्व कुछ दिन पूर्व भी पुलिस को इनपुट मिला था कि वह नेपाल में शरण लिया है। पटना पुलिस उन सभी ठिकानों का सत्यापन कर दबिश दे रही है।

तिहरे हत्याकांड में सामने आ चुका भोला का नाम

पिछले साल बाढ़ थाना क्षेत्र में तिहरे हत्याकांड में भी भोला सिंह का नाम आया था। पुलिस उसके खिलाफ वारंट और कुर्की की कार्रवाई की थी। इसके पूर्व भी कई हत्याकांड में भोला की संलिप्तता रह चुकी है। पुलिस उसे आखिरी बाद शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र में वर्ष 2007-08 में हुई हत्या मामले में गिरफ्तार की थी। भोला और उसके शूटर अक्सर वारदात में 9 एमएम पिस्टल का इस्तेमाल करते हैं।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading