जमुई :भाजपा नेता और बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार और महागठबंधन सरकार पर जमकर हमला बोला है. जमुई पहुंचे सम्राट चौधरी ने सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के पास अब वोट बैंक नहीं है. बिहार में अब लव-कुश भाजपा के साथ है, क्योंकि पीएम मोदी ने राम मंदिर बनवाया तो लव-कुश भी अब भाजपा के साथ हो गये हैं. मोकामा और गोपालगंज के उपचुनाव परिणाम में सामने आ चुका है कि नीतीश कुमार के साथ अब अति पिछड़े नहीं हैं. आगामी कुढ़नी के उपचुनाव में भी यही देखने को मिलेगा.
सम्राट ने कहा कि बिहार में अब सुशासन भी नहीं है. बिहार में शराब और बालू माफिया की समानांतर सरकार चल रही है. सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार एक मात्र नेता हैं जो बिहार को कलंकित किये हैं. ललन सिंह पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें मैं कभी नेता नहीं मानता. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह खुद कह चुके हैं कि वो केयर टेकर हैं. पहले वो सुधा श्रीवास्तव के यहां काम करते थे, वो नेता कैसे हो जाएंगे.
सम्राट चौधरी ने कहा कि जदयू अब बिहार में अप्रसांगिक हो चुकी है. उनके पास अब कोई वोट नहीं रहा, लव कुश के वोट पर समता पार्टी बनी थी. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार राम मंदिर बनवा दी है, अब जो लोग राम की पूजा करेगा वहीं लव-कुश की पूजा होगी. लवकुश अब भाजपा के पास चला गया है. आने वाला 2024 और 2025 के चुनाव में भाजपा की जीत होगी. ओवैसी की पार्टी के बारे में बताते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि कुढ़नी में वो लोग इसलिए चुनाव मैदान में उतर रहे हैं, क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल ने ओवैसी की पार्टी तोड़ी थी. नीतीश कुमार के षड्यंत्र के कारण ओवैसी की पार्टी टूटी थी, वो इसलिए कि राजद भाजपा से बड़ी पार्टी हो जाए.
सम्राट चौधरी ने बताया कि नीतीश कुमार जिले में जाकर गांधी के विचारधारा सिद्धान्त वाली राजनीति को बताते थे, लेकिन नीतीश कुमार ने 40 साल के राजनीतिक कैरियर में 7 बार पार्टी बदली और 5 बार गठबंधन तोड़े. नीतीश कुमार गांधी के विचारधारा को बताते हुए शराबबंदी को सही बताते हैं, लेकिन बिहार में शराब माफियाओं का समानांतर सरकार चल रहा है. तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए भाजपा नेता ने कहा कि जो लोग ट्रेनिंग ले रहे हैं अब उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. सम्राट चौधरी ने बताया कि लालू और राबड़ी जी 15 साल में 95 हजार लोगों को नियुक्त किया, और 13 साल भाजपा के सहयोग से एनडीए की सरकार चली इस दौरान 6 लाख 76 हजार लोगों को सीधे सरकारी नौकरी मिली. आगामी विधान मंडल के सत्र में महागठबंधन सरकार को बताना पड़ेगा कि अभी इन लोगों ने कितनो को नौकरी दी है.



