पी’ने वालों खूब पियो: सुपौल में एक महीने में पि’यक्कड़ों ने दिया 11 लाख 60k का जु’र्माना

सुपौल: एक समय शराब पीने वालों पर तंज कसते हुए, यह गाना काफी चला था कि ‘पीने वालों खूब पीयो चाहे लोटा तक बिक जाए’। वाकई उस दौर में भी शराब बर्बादी का कारण थी और अब जब शराबबंदी का सख्ती से अनुपालन हो रहा है तो शराब का सेवन करना बर्बादी का और बड़ा कारण बनता जा रहा है। एक तो चोरी-छिपे बिक रही शराब खरीदने के लिए अधिक पैसे देने पड़ रहे और पकड़े गए तो जुर्माना अलग से। जुुर्माने से भी बचने की राहत पहली बार नशे में पकड़े जाने के बाद है, इसके बाद तो सजा का दौर चलता है।

Illegal liquor sales continue in lockdown, 1200 FIRs registered for 1458  people : Outlook Hindiअब बीते अक्टूबर की ही बात करें तो अदालत में 457 पियक्कड़ों से 11 लाख आठ हजार 600 सौ रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले गए। अगर इस बुरी आदत के शिकार हैं तो तौबा कर लीजिए, अब इतने से ही राहत नहीं है सरकार और सख्ती बरतते हुए शराबियों का डाटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया है। शराबियों के घर पोस्टर चिपकाने सहित अन्य कई कड़ाई करने का सरकारी फरमान है।

इस साल अप्रैल में शराबबंदी संशोधन कानून लागू किया गया जिसके तहत पहली बार यदि शराब पीते पकड़े जाने पर जुर्माना लेकर उन्हें मुक्त करने का प्रविधान किया गया। इसके तहत अक्टूबर में उत्पाद न्यायाधीश दो उमेश मणि त्रिपाठी की कोर्ट में शराब सेवन से संबंधित 220 मामले दर्ज किए गए। इन सभी मामलों में 457 अभियुक्त बनाए गए जो पहली बार शराब पीते पकड़े गए थे। इन शराबियों से दो से पांच हजार रुपये जुर्माना लेकर मुक्त किया गया। इन शराबियों से सरकार को 11 लाख 8 हजार 600 रुपये जुर्माने के तौर पर प्राप्त हुए।

लोक अभियोजक रुद्र प्रताप लाल के अनुसार शराबबंदी कानून में संशोधन में पहली बार शराब सेवन करने वाले अभियुक्तों को जुर्माना की राशि देकर छोड़ देने का प्रविधान है। जुर्माने की यह राशि अधिकतम पांच हजार रुपये की है। दोबारा पकड़े जाने पर शराबियों के ऊपर मुकदमा दर्ज करने के साथ-साथ जेल भेजे जाने का प्रविधान है।

उत्पाद अधीक्षक लाला अजय कुमार सुमन बताते हैं कि 1 अप्रैल 2022 से शराब पीने वाले और इसे बेचने वालों को पकड़े जाने पर डाटाबेस तैयार करने का निर्देश सरकार ने दिया है। इसके तहत आधार कार्ड से डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। इससे होगा यह कि शराब पीकर पकड़े जाने पर आधार से मिलान करने पर यह पता चल जाएगा कि इससे पहले शराब पीने या बेचने वाला व्यक्ति पकड़ा तो नहीं गया है। उत्पाद विभाग द्वारा डाटाबेस तैयार भी किया जा रहा है। इसके अलावा शराब पीकर पकड़े जाने पर घर पर पोस्टर चिपकाया जा रहा है।

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