प्रसव बाद महिला की मौ’त, चिकित्सक पर होगी विभागीय का’र्रवाई….

नवादा : रजौली मुख्यालय स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में सोमवार की रात भाईजीभित्ता गांव से प्रसव कराने आई प्रसूता रिंकू देवी की प्रसव के बाद मौत हो गई। मामले में मृतका के स्वजनों ने आन ड्यूटी चिकित्सक व नर्सों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। इस पूरे मामले में जिलाधिकारी उदिता सिंह ने त्वरित संज्ञान लिया। मंगलवार को उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाए। जिसके बाद सिविल सर्जन डा. निर्मला कुमारी ने आन डूयटी चिकित्सक डा. अर्जुन चौधरी का वेतन बंद करते हुए प्रपत्र क गठित करते हुए सख्त कार्रवाई करने की बात कही।

Nawada: रजौली में प्रसव बाद महिला की मौत, चिकित्सक पर होगी विभागीय कार्रवाई, वेतन बंद करते हुए प्रपत्र क गठित - Nawada: Death of a woman after delivery in Rajauli ...पहले भी प्रपत्र हुआ गठित 

सीएस ने कहा कि उक्त चिकित्सक के विरुद्ध पहले भी प्रपत्र गठित हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों से कहा कि अपनी जवाबदेही को समझें। अस्पताल पहुंचे मरीजों की समय पर चिकित्सा पहली प्राथमिकता है। इधर, डा.अर्जुन चौधरी ने अपने उपर लगे आरोप से इंकार किया है। अस्पताल परिसर में नहीं थे चिकित्सक

अस्पताल में महिला की मौत के बाद स्वजन नाराज हुए। कुव्यवस्था को लेकर नाराजगी जाहिर की। स्वजनों ने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की। मृतका की पहचान बारा गांव निवासी अजय यादव की 27 वर्षीय पत्नी रिंकू देवी के रूप में हुई है। उसे सोमवार की सुबह लगभग 8:43 में प्रसव हेतु परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में सोमवार के ही दिन लगभग सबा एक बजे नार्मल डिलीवरी से एक लड़का हुआ। सोमवार की शाम को लगभग 7 के बाद मरीज की स्थिति एकाएक बिगड़ने लगी। स्वजनों द्वारा चिकित्सक की खोजबीन किये जाने पर चिकित्सक अस्पताल परिसर में नहीं दिखाई दिए। इसी बीच महिला की मृत्यु हो गई।सही इलाज के अभाव में मौत

मृतका के पिता मुसाफिर यादव ने बताया कि उनकी बेटी रिंकू देवी को तीसरे बच्चे की डिलीवरी को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल में सोमवार को भर्ती कराया गया था। बच्चे के जन्म से पूरे परिवार में खुशी का माहौल था। जो कुछ ही देर में गम में बदल गया। आरोप लगाया कि इलाज के आभाव में उनकी बेटी की मौत हो गई। प्रसूता की देखभाल में रही भाभी रिंकू देवी ने बताया कि बच्चा जन्म होने के बाद जच्चा व बच्चा दोनों ठीक थे। किंतु शाम में अचानक प्रसूता की तबीयत खराब हो गई। सही इलाज के अभाव में मौत हो गई।

मौत के बाद बनाने लगे रेफर का पर्चा

मृतका के फूफा प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रसूता की मौत के लिए ड्यूटी पर रहे चिकित्सक एवं नर्स दोषी हैं। अगर किसी प्रकार की दिक्कत थी तो प्रसूता को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल नवादा रेफर क्यों नहीं किया गया। आरोप लगाया कि जब प्रसूता की मौत हुई तो आनन-फानन में रेफर का पर्चा बनाने की प्रक्रिया शुरू की।चिकित्सक डा. राधवेंद्र ने मरीज को मृत बताया

अनुमंडलीय अस्पताल में सोमवार को दिन में 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक डा. अर्जुन चौधरी की ड्यूटी थी। आरोप है कि वह समय से पहले अस्पताल से चले गए। रात्रि 8 बजे से डा. राघवेन्द्र भारती की ड्यूटी थी। उनके अस्पताल आने के बाद नर्स ने प्रसूता के सीरियस होने की बात बताई। डा. राघवेन्द्र भारती ने जब प्रसूता की जांच की तो वह मृत पाई गई।नाराज स्वजनों को अंचलाधिकारी व थानाध्यक्ष ने समझाया-बुझाया।

 

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