सारण के लाल का कमाल! Instructor से लड़ाकू विमान उड़ाने तक का सफर….

छपरा. शस्त्र प्रशिक्षक बनने से लेकर लड़ाकू विमान उड़ाने तक का सफर, नए कीर्तिमान स्थापित कर विवेक कुमार ने देश को गौरवान्वित किया है. सारण के विवेक कुमार ने अपनी नवीनतम उपलब्धि के साथ एक और कीर्तिमान स्थापित किया है जिसके लिए उनका नाम अंतरराष्ट्रीय, भारत और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है.

 विवेक ने L-39 अल्बाट्रॉस लड़ाकू विमान को उड़ाते हुए 1.5 मीटर के रिकॉर्ड कम ऊंचाई पर 'हाई-स्पीड लो-पास' का प्रदर्शन कर यह नया कीर्तिमान स्थापित किया है. ऐसा करके वह विदेशी भूमि पर लड़ाकू विमान उड़ाने वाले और इस उपलब्धि को हासिल करने वाले पहले सिविल भारतीय एवं शास्त्र प्रशिक्षक बन गए हैं. (News18 hindi)

विवेक ने L-39 अल्बाट्रॉस लड़ाकू विमान को उड़ाते हुए 1.5 मीटर के रिकॉर्ड कम ऊंचाई पर ‘हाई-स्पीड लो-पास’ का प्रदर्शन कर यह नया कीर्तिमान स्थापित किया है. ऐसा करके वह विदेशी भूमि पर लड़ाकू विमान उड़ाने वाले और इस उपलब्धि को हासिल करने वाले पहले सिविल भारतीय एवं शास्त्र प्रशिक्षक बन गए हैं. रिकॉर्ड स्थापित करने की उनकी यात्रा टैक्टिकल और डिफेंसिव शूटिंग में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सबसे कम उम्र के भारतीय शस्त्र प्रशिक्षक बनने के साथ शुरू हुई. फिर उन्होंने मिलिट्री ग्रेड वेपन में फास्टेस्ट शूटर का रिकॉर्ड बनाया, उनका नाम मैराथन ग्रुप इवेंट लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है.

विवेक कुमार रूसी संघ के विज्ञान और शिक्षा मंत्रालय से छात्रवृत्ति मिलने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए मास्को गए. उसके बाद उन्होंने यूरोपियन कमीशन ऑफ न्यूक्लियर रिसर्च (CERN) के लिए रिसर्च इंजीनियर के रूप में काम किया. मास्को में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में योगदान दिया और उन्हें उनके योगदान और सेवाओं के लिए भारत के दूतावास, एचएएल, डीआरडीओ आदि द्वारा सम्मानित किया गया.

अब तक विवेक कुमार के नाम पर आधा दर्जन से ज्यादा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुके हैं. विवेक कुमार का जन्म आरा में हुआ था और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा छपरा से तथा बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग मध्य प्रदेश से की.

उन्होंने 2019 के अंत में यूरोपीय आयोग के मैरी क्यूरी एक्शन्स के तहत प्रतिष्ठित मैरी-स्कोल्डवास्का फेलोशिप जीती. मैरी-स्कोल्डवास्का फेलोशिप को दुनिया भर में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी और प्रतिष्ठित फेलोशिप के रूप में जाना जाता है. इस फेलोशिप के साथ उन्होंने फिलिप्स रिसर्च के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डॉक्टरेट किया. विवेक का मानना ​​है कि चाहे हम कहीं भी रहते हों या कुछ भी करते हों, यह हमारा कर्तव्य है कि देश की प्रगति में हर संभव तरीके से योगदान दें.

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading