गया. बेटियां खुद को उपेक्षित न महसूस करें, इसके लिए बिहार के गया जिले के एक डॉक्टर ने अनोखी पहल शुरू की है. शहर के नई गोदाम लाला बाबू रोड मुहल्ले में डाॅ. जी.पी गुप्ता ने ‘बेटी सेवा’ शुरू की है. बतौर इसका पोस्टर भी शहर के कई स्थानों पर लगाया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी बच्चियों का मुफ्त इलाज और दवा का लाभ प्राप्त कर सकें. डॉक्टर जी.पी गुप्ता पिछले चार दशक से चिकित्सा के क्षेत्र में हैं. वो शुरू से जटिल से लेकर आम बीमारियों का इलाज करते हैं. उन्होंने शहर में कई स्थानों पर बेटी सेवा का पोस्टर चिपकाया है. इन पोस्टरों में पांच साल तक की बच्ची का मुफ्त में इलाज और दवा देने की बात लिखी गई है.
1980 के दिनों में सिर्फ 1 रुपया लेकर करते थे इलाज
चार दशक के अपने लंबे करियर में डॉ. जी.पी गुप्ता 50 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुके हैं. 1980 के दिनों में मात्र एक रुपया लेकर वो मरीजों का इलाज करते थे, लेकिन मंहगाई बढ़ती गई, तो उनका फीस भी बढ़ा. मगर आज भी वो सिर्फ 10 रुपये में मरीजों का इलाज करते हैं. जबकि पांच साल से कम उम्र के बच्चियों का मुफ्त इलाज करते हैं. उनके क्लिनिक पर सभी उम्र के मरीज पहुंचते हैं अपना उपचार करवाते हैं. डॉक्टर जी.पी गुप्ता बच्चियों का निशुल्क इलाज पिछले तीन वर्षो से कर रहे हैं.
लड़कियों की भ्रूण हत्या रोकने के लिए लिया फैसला
डॉक्टर जी.पी गुप्ता ने बताया कि पांच साल से कम उम्र की बच्चियों के निशुल्क इलाज का व्यवस्था है. जबकि अन्य मरीजों से मात्र 10 रुपया लिया जाता है. 10 रुपये में ही मरीज का इलाज और दवाई उपलब्ध कराया जाता है. वो पिछले 40 साल से इस क्षेत्र में जुटे हुए हैं, हजारों लोगों को अपनी सेवा दी है.
उन्होंने बताया कि अक्सर देखा जाता है समाज में बेटियों को उपेक्षित समझा जाता है. बेटी पैदा होने पर तरह-तरह की बातें कही जाती हैं. लड़की होने पर भ्रूण हत्या तक कर दी जाती है. यह सब रोकने के लिए मैंने बच्चियों के निशुल्क इलाज की यह व्यवस्था शुरू की है. उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे हैं और वो भी डॉक्टर हैं. उन्हें किसी भी चीज की कमी नहीं है. वो सेवा भाव से मरीजों का इलाज करते हैं. वो आगे भी ऐसा ही करते रहेंगे.





