म’र्डर केस में अमिताभ बच्चन भारती को आजीवन का’रावास:कैमूर कोर्ट ने 50 हजार का जु’र्माना भी लगाया

कैमूर : जिससे कर्ज लिया, आश्रय भी लिया, उसी की निर्मम हत्या मामले में दोषी अभियुक्त को अदालत ने शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह सजा एडीजे-11 सह प्रभारी एडीजे-9 राजेश कुमार वर्मा की अदालत ने सुनाया है। अदालत ने आजीवन कारावास के साथ ₹50000 का जुर्माना भी लगाया है।

वही राशि नहीं देने पर अभियुक्त को 3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वहीं इसी प्रकरण में अपहरण के मामले में भी सजा सुनाई गई है। साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने मुख्य अभियुक्त मोहनिया थाना क्षेत्र के बेलौड़ी गांव के 38 वर्षीय अमिताभ बच्चन भारती को दोषी पाया है।

वहीं अन्य अभियुक्तों को पुख्ता साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। घटना 2 सितंबर 2020 की बताई गई है। कांड के सूचक मृतक के पिता मोहनिया थाना क्षेत्र के ही बरेज गांव के नथुनी सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि 2 सितंबर 2020 को उनका पुत्र मोहनिया-पटना मोड़ पर गया था। देर रात तक वापस नहीं लौटा तो फिर घर के लोग काफी चिंतित हो गए। खोजबीन करने के बाद भी कुछ अता-पता नहीं चला। मोबाइल भी बंद मिला। अगले दिन अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद अगले ही दिन कुदरा नदी में लाश मिली थी। पुलिस की छानबीन में अभियुक्त अमिताभ बच्चन भारती को मोबाइल सीडीआर के आधार पर गिरफ्तार किया गया। मृतक और अभियुक्त की बातचीत की पुष्टि हुई। जिसमें उसने हत्या की बात भी स्वीकारी।

पीड़ित पक्ष के वकील बोले- हमलोग हाईकोर्ट जाएंगे

वही पीड़ित पक्ष के वकील का कहना था कि न्यायालय द्वारा एक ही को सजा मिला है बाकी उसके 5 मदद करने वालों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है लेकिन उसके खिलाफ हमलोग हाईकोर्ट जाएंगे और उसे भी सजा दिलाएंगे। मृतक अखिलेश कुमार सिंह से 50 हजार रुपए कर्ज लेकर उसी के घर में आरोपी अमिताभ बच्चन और भारती टेंट हाउस चलाते थें। बकाया पैसा बार-बार अखिलेश सिंह मांग रहा था पैसा न देना पड़े इसको लेकर अपने 5 साथियों को 10 – 10 हजार देकर गला दबा पत्थर से कूचकर टेंट वाले मकान में ही कर दिया था हत्या और साक्ष्य छुपाने के लाश को पिकअप से नदी में फेंक दिया था।

जानकारी देते हुए अप्पर लोक अभियोजक संजय कुमार शर्मा ने बताया न्यायालय भभुआ में मोहनिया कांड संख्या 268/20 के अभियुक्त अमिताभ बच्चन भारती को आजीवन कारावास और ₹50000 का दंड लगाया गया है और उसके पांच सहयोगियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है।

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