पटना: आइजीआइएमएस में तीन वर्ष पहले रैगिंग करने वाले छात्रों पर कार्रवाई नहीं करने से मनबढ़ सीनियर्स को इस बार सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। शुक्रवार को फिजियोथेरेपी विभाग में संचालित बीपीटी पाठ्यक्रम की 2022 सत्र की छात्रा के साथ रैगिंग मामले की जांच पूरी गई है। समिति ने अपनी रिपोर्ट निदेशक प्रो. डा. बिन्दे कुमार को सौंप दी है। निदेशक ने रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
बताते चलें कि बीपीटी प्रथम वर्ष की अल्पसंख्यक छात्रा ने क्लास शुरू होने के एक दिन पहले से सीनियर्स द्वारा परेशान करने की शिकायत अपने अभिभावकों की उपस्थिति में निदेशक से शनिवार को की थी। छात्रा ने सीनियर्स की इस धमकी का भी जिक्र था कि यदि तुम शिकायत करोगी तो शिक्षक सिर्फ दिखावा करेंगे, कार्रवाई नहीं, लेकिन हम तुम्हें अन्य छात्र-छात्राओं से बिल्कुल अलग कर देंगे।
छात्रा ने लिखित शिकायत में कहा है कि क्लास शुरू होने के एक दिन पहले ही 2019 से 2021 के छात्र-छात्राओं ने उन्हें बुलाया था। इसमें परिचय और नाश्ता कराने के साथ सीनियर को झुककर प्रणाम करने, सामने रहने तक नजरें शर्ट की तीसरी बटन पर रखने, और नियमों के पालन में थोड़ी सी चूक होने पर तरह-तरह की तय सजाओं का पूरा प्रोटोकाल था।
सीनियर्स कभी दीवार से चिपक कर छिपकली बनने तो कभी मेढ़क बनने या एक पैर पर खड़े होने की सजा देते थे। भोजपुर गानों पर नृत्य कराकर वीडियो बनाते थे। मैंने मेडिकल कारणों का हवाला देते हुए एक पैर पर खड़े होने में अक्षमता जताई तो मुझे हर दिन परेशान किया जाने लगा। वे जूनियर्स को हमेशा अपशब्दों से संबोधित करते थे। कई बार तो वाट्सएप पर भी अपशब्द लिखते थे। कोई वीडियो न बनाए, इसलिए मोबाइल रखवा लेते थे।