अनपढ़ समझ किसी ने नहीं दी गार्ड की नौकरी, अब उस बिहारी लड़के ने खड़ी कर दी टैक्सी कंपनी

पटना : जब भी आपको एक शहर से दूसरे शहर जाना होता है तो आप आप टैक्सी बुक करते हैं. अक्सर टैक्सी वाला जाने-आने दोनों तरफ का किराया जोड़ कर मांगता है और लोगों को मजबूरन देना भी पड़ता है. हालांकि अब ऐसा नहीं होगा. टैक्सी इंडस्ट्री में एक बिहारी लड़के ने ऐसा क्रांतिकारी कदम उठाया है, जिसने बड़ी-बड़ी कंपनियों के होश उड़ा दिए हैं.

Success Story: अनपढ़ समझ किसी ने नहीं दी गार्ड की नौकरी, अब उस बिहारी लड़के  ने खड़ी कर दी टैक्सी कंपनी - Success story saharsa dilkhush kumar bringing  uber ola like rideटैक्सी इंडस्ट्री में वन वे किराया का सॉल्यूशन लाकर बिहार के दिलखुश कुमार ने आम लोगों के दिलों को खुश कर दिया है. इस सुविधा से हर सफर पर लोगों के 1500 से ज्यादा रुपये बच रहे हैं. इस स्टार्टअप का नाम रोडबेज है. इसे सहरसा के रहने वाले दिलखुश कुमार ने शुरू किया है. एक साल में करीब 2 लाख लोगों ने रोडबेज को अपनाया और इससे सफर कर अपना पैसा और समय दोनों बचाया है.
कभी सड़क पर बैठ बेची सब्जी
दिलखुश की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. कहावत है कि कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती और हौसला हो तो कुछ भी मुमकिन है. इन्हीं दो कहावतों पर दिलखुश कुमार की जिंदगी आधारित है. उनके गांव ने देश को न जाने कितने आईएएस और आईपीएस दिए हैं, लेकिन पढ़े-लिखों के इस गांव में दिलखुश ने सफल उद्यमी बनने का फैसला किया. अपने कारोबार को सफलता के मुकाम तक पहुंचाने के लिए उन्‍हें कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा. एक दौर ऐसा भी था जब दिलखुश पटना के गर्दनीबाग में सड़क किनारे बैठ सब्जी भी बेचते थे. वहीं, एप्पल का लोगों नहीं पहचानने की वजह से गार्ड की नौकरी नहीं मिली थी. सड़कों पर ई-रिक्शा चलाना पड़ा. पिता बस ड्राइवर थे, लेकिन समय बदला और ड्राइवर के बेटे दिलखुश कुमार एसी कमरे में बैठ लोगों को सस्ती और किफायती टैक्सी सर्विस मुहैया करवा रहे हैं. यह गर्व से कहा जा सकता है कि ऐसा करने वाले बिहार में वे पहले शख्‍स हैं. यही नहीं, आज उनकी कंपनी में आईआईटी और आईआईएम पास लोग नौकरी करते हैं.
क्या है वन वे सर्विस?
दिलखुश कुमार ने बताया है कि उनकी कंपनी Rodbez बिहार की सबसे बड़ी और पहली वन-वे टैक्सी, टैक्सी पूल और कारपूल कंपनी है. एक तरफ की यात्रा करने पर दोनों तरफ या वापसी का किराया देने की जरूरत नहीं होती है. कार पूलिंग, टैक्सी पूल और वन-वे राइड के जरिये लोग एक शहर से दूसरे शहर में जाते हैं और वो भी एक तरफ का ही किराया देकर. इसके अलावा अगर इनकी सर्विस की वजह से कस्टमर की फ्लाइट और ट्रेन मिस हो जाता है, तो अगली फ्लाइट में टिकट भी बनवा कर देते हैं. छोटे शहरों की ट्रैवल कंपनियों से इनकी सुविधा 60 फीसदी सस्ती है. साथ ही पटना जैसे शहरों में पैर पसार चुकी बड़ी टैक्सी कंपनियों से 40 फीसदी सस्ती है. दिलखुश बताते हैं कि इस क्षेत्र में चैलेंज बहुत हैं. सभी चुनौतियों का सामना करते हुए मैदान में डटे हुए हैं. अपनी टैगलाइन ‘रिवोल्यूशन इस ऑन द वे’ के अनुसार टैक्सी इंडस्ट्री में क्रांति लाकर रहेंगे.

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