पूर्वी चम्पारण: सावन को भगवान महादेव का महीना कहा जाता है. यही कारण है कि इस महीने में लोग महादेव को जलाभिषेक करने के लिए दूर-दूर तक के प्रसिद्ध मंदिर जाते हैं. तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही एक अद्भुत शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं. दरअसल, यह शिवलिंग रुद्राक्ष से बनवाया गया है. इसे देखने और पूजा-पाठ करने के लिए दूर-दूर से पुरुष एवं महिलाएं आती हैं. महिलाओं के द्वारा यहां पर भगवान भोले को प्रसन्न करने के लिए 5 तरह के गीत गाए जाते हैं.
मोतिहारी में है रुद्राक्ष का बना शिवलिंग
पूर्वी चंपारण के जिला मुख्यालय मोतिहारी के रहने वाले उद्योगपति एवं शिक्षाविद डॉ शंभूनाथ सिकारिया के द्वार मोतिहारी में राधा सिकारिया एजुकेशन कैम्पस में 5 लाख पंचमुखी रुद्राक्ष से 20 फीट ऊंचा शिवलिंग बनवाया गया है. इस शिवलिंग के ऊपर भगवान शिव का स्वर्ण जड़ित मुखौटा स्थित है. जिसके ऊपर माता गंगा विराजमान है. यह शिवलिंग वट वृक्ष के नीचे स्थापित किया गया है. डॉ. शंभूनाथ सिकारिया कहते हैं कि इस शिवलिंग की स्थापना के लिए उन्हें सपने में निर्देश मिला था. इसकी स्थापना के लिए जिस डिजाइन से मुझे निर्देश मिला उसी डिजाइन से मैंने इसे बनवाया है.
हरिद्वार, नेपाल और बनारस से मंगवाए गए रुद्राक्ष
यह एक अद्भुत शिवलिंग है. इस शिवलिंग के निर्माण के लिए हरिद्वार, नेपाल और बनारस से विशेष तरह के पंचमुखी रुद्राक्ष मंगाया गया था. दावा किया जा रहा है किविश्व में कोई भी शिवलिंग ऐसा नहीं है, जो रुद्राक्ष का हो. यह पहला शिवलिंग है जहां पर द्वादश ज्योतिर्लिंग, एकादश रुद्र की स्थापना है. डॉ. सिकारिया बताते हैं कि इस रुद्राक्ष शिवलिंग के पीछे स्थापित मंदिर की स्थापना 40 वर्ष पूर्व उनके पूर्वजों द्वारा की गई थी.उन्होंने बताया कि 1 जुलाई 2022 को काशी के सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती द्वारा इसका लोकार्पण किया गया. डॉ. सिकारिया दावा करते हैं कि रुद्राक्ष से निर्मित इस शिवलिंग पर एक बार जल चढ़ाने अथवा रुद्राभिषेक का प्रतिफल वही है, जो चार बार लखराव कराने का फल है.
महिलाओं को निःशुल्क देंगे जुड़ा
डॉ. सिकारिया द्वारा प्रतिदिन सुबह 8 बजे से नि:शुल्क रुद्राभिषेक कराया जाता है. जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं. जबकि संध्या के समय भगवान का भव्य श्रृंगार किया जाता है. उन्होंने बताया कि आगामी सोमवार को संध्या के समय माता एवं बहनों को अपनी तरफ से नि:शुल्क भगवान के आशीर्वाद के रूप में जुड़ा देंगे. मालूम हो कि संध्या के समय स्त्रियों द्वारा सोलह श्रृंगार के अंतर्गत बाल में जुड़ा लगाने का प्रावधान है.