नालंदा : नालंदा के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर जू-सफारी में देशभर के 35 चिड़ियाघरों के विशेषज्ञ जुटे. इस मौक़े पर नेशनल बायोलॉजिकल कांफ्रेंस का एकदिवसीय कार्यक्रम किया गया. जिसमें देशभर से आए बायोलॉजिस्ट ने राजगीर जू-सफारी की संरचना, बनावट व सजावट की जमकर तारीफ की. लोगों ने कहा कि यह सफारी कई मायनों में अनोखा है. इसकी संरचना देशभर के अन्य जू के लिए अनुकरणीय है. इसे टूरिस्टफ्रेंडली बनाया गया है. कोई स्थान ऐसा नहीं, जिसकी सैर के दौरान सैलानी बोरियत महसूस करें. प्रवेश द्वार से लेकर वाहन, व वन्यजीवों के रखरखाव व उन्हें पेश करने के तरीके अत्याधुनिक हैं.
जू-डिजाइनिंग और निर्माण के बारे में बताया
विशेषज्ञों के भ्रमण के दौरान निदेशक हेमंत पाटिल द्वारा जू-डिजाइनिंग और निर्माण के बारे में बताया गया. वनों के क्षेत्र पदाधिकारी राकेश कुमार ने जू-कीपिंग व रखरखाव के बारे में जानकारी दी. वहीं पशु चिकित्सक पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार बैठा ने वन्यजीव अस्पताल भ्रमण के दौरान उपचार व वन्यजीव अस्पताल में रखे गए उपकरणों के बारे में जानकारी दी. वनों के क्षेत्र पदाधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि कई विशेषज्ञ यहां की व्यवस्था की सरहना की.
टीम में ये डेलीगेट थे शामिल

वहीं सिपाहीझाला त्रिपुरा के चिरंजीव देबनाथ, सरदार पटेल जूलॉजिकल पार्क एकतानगर गुजरात के मितेश पटेल, अलिपुर जू कोलकाता की सयानी माजी, सतकोशिया वाइल्डलाइफ डिविजन अंगुल के गतिकृष्ण बहेरा, कपिलाश जू धेनकनल ओडिशा के स्वरूप फुलुंटन, दार्जिलिंग जू की प्रणिता गुप्ता, जीबी पंत हाई अल्टीट्यूड जू नैनीताल के अनुज कंडपाल, नॉर्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल्स पार्क सिलिगुड़ी की इशिता कांगर्डर, वेस्ट बंगाल जू अथॉरिटी की अनीसा डे व सोहम मित्रा, अरिग्नर जू चेन्नई के डॉ. एसआर चंद्रमौली, इंदिरा गांधी जूलॉजिकल पार्क के एम पुरुषोत्तम, अलीपुर जू कोलकाता की साम्या बसु शामिल थे.