नालंदा : सावन अपने अंतिम पड़ाव में है पर अब भी महादेव के भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ है. नालंदा के एकंगरसराय से मां काली कांवरिया संघ के तत्वाधान में 701 फीट की कावड़ यात्रा निकाली गई. कावड़ यात्रा की शुरुआत एकंगरसराय से निकल कर पटना के फतुहा स्तिथ त्रिवेणी धाम गई. यहां से कावड़ में गंगाजल भर कर शनिवार को 701 फीट का कावड़ लेकर फतुहा से होते हुए दनियावां, हिलसा मार्ग से एकंगरसराय पहुंच अपने गंतव्य स्थान जहानाबाद के वानावर स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए कांवरियों का जत्था प्रस्थान कर गया. वहीं इसके पूर्व कावड़ यात्रा जैसे ही एकंगरसराय पहुंची तो स्थानीय ग्रामीणों ने कांवरियों का भव्य रूप से स्वागत किया.
देश की तरक्की, सुख शांति, समृद्धि की मनोकामना
इस कावड़ यात्रा के आयोजक अरुण सिंह, संरक्षक राजीव प्रसाद सिंह ने बताया कि देर शाम एकंगरसराय के काली स्थान से कावड़ लेकर सैकड़ों श्रद्धालु विभिन्न वाहनों के माध्यम से फतुहा त्रिवेणी घाट पहुंचे. उसके बाद अहले सुबह कावड़ के साथ यह यात्रा प्रारंभ हुई, जो फतुहा, दनियावां, हिलसा, एकंगरसराय, इस्लामपुर होते हुए रात्रि को हुलासगंज में विश्राम करेगी. उसके बाद 27 अगस्त को कांवड़ यात्री कावर लेकर वाणावर स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक करेगी. इसका मुख्य उद्देश्य देश की तरक्की, सुख शांति, समृद्धि के साथ सभी लोग खुशहाल जीवन व्यतीत करें.

2011 से निकल रही यात्रा
इस कावड़ यात्रा की शुरुआत एकंगरसराय काली स्थान से वर्ष 2011 में हुई थी. जब कावड़ की लंबाई 251 फीट रखी गई थी. उसके बाद प्रत्येक वर्ष इसकी लंबाई 50 फीट बढ़ाया जाता रहा है. वर्ष 2012 में 301 फीट, 2013 में 351 फीट, 2014 में 401 फीट, 2015 में 451 फीट, 2016 में 501 फीट, 2017 में 551 फीट, 2018 में 601 फीट, 2019 में 651 फीट लंबी कावड़ यात्रा निकाली गई. कोरोना के कारण वर्ष 2020, 21 और 22 में 3 वर्षों तक यात्रा को स्थगित रखा गया था. इस बार पुनः इस कावड़ यात्रा को प्रारंभ किया गया है. इस बार इसकी लंबाई 701 फीट रखी गई है.