इस सरकारी स्कूल के सामने प्राइवेट स्कूल भी फेल, नाम कटवाकर यहां एडमिशन लेने की मची होड़

मुजफ्फरपुर : आमतौर पर लोग सरकारी स्कूल से नाम कटवाकर प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को पढ़ने भेजते हैं. अभिभावकों का मानना होता है कि प्राइवेट स्कूलों में अच्छी शिक्षा मिलेगी.लेकिन मुजफ्फरपुर के मरवन प्रखंड के पकरी पकोही गांव के राजकीय कन्या मध्य विद्यालय में स्थित इससे उलट है. दरअसल, इस मध्य विद्यालय में दो दर्जन से अधिक ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने प्राइवेट स्कूल से नाम कटवाकर दाखिला लिया है. पड़ताल करने पर बच्चे बताते हैं कि जब सरकारी स्कूल में पढ़ाई अच्छी हो रही है तो प्राइवेट स्कूल में पैसा देने की क्या जरूरत है. यहां कई तरह की एक्टिविटी के जरिए उन्हें पढ़ाया जाता है, ताकि पढ़ाई में उनका मन लगे.

सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की ड्रेस के पैसे से किसी ने करा लिया  ऑपरेशन, किसी ने खरीदा घर का राशन - Government school dress money of  children use by parentsबच्चे बोलते हैं फर्राटेदार इंग्लिश

विद्यालय की शिक्षिका माल्या कुमारी बताती हैं कि स्कूल में नियमित चलने वाली कक्षा और शिक्षक द्वारा नवाचार के साथ पढ़ाने की कोशिश के कारण इस साल तकरीबन दो दर्जन बच्चों ने प्राइवेट स्कूल से नाम कटवाकर यहां एडमिशन लिया है. माल्या कुमारी बताती हैं कि चेतना सत्र के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ मौलिक अधिकार और कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है. साथ ही इनकी प्रतिभा को पहचान कर वार्षिक उत्सव में उनसे मंच पर प्रस्तुति कराई जाती है. यहां महज दूसरी कक्षा के छात्र भी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं.

विषय समझाने को करते हैं अलग-अलग प्रयोग

विद्यालय के दर्जनों बच्चों ने बताया कि उन्होंने प्राइवेट स्कूल से नाम कटवाकर सरकारी स्कूल में नाम लिखवाया है. वे बताते हैं कि गांव के स्कूल में अच्छी पढ़ाई देखकर उन लोगों ने प्राइवेट स्कूल से नाम कटवाया है. जबकि विद्यालय के शिक्षक पंकज कुमार बताते हैं कि विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए स्कूल के शिक्षक कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं. विषयों को समझाने के लिए आसपास की घटनाओं और कहानियों से जोड़कर समझाया जाता है. शिक्षक उम्मीद जताते हैं कि आने वाले दिनों में और भी कई बच्चे प्राइवेट स्कूल से नाम कटवाकर इस सरकारी स्कूल में दाखिला लेंगे.

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