बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) नियमावली, 2023 को अगले माह तक लागू करने की तैयारी है। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने राज्य भर में पंजीकृत कोचिंग संस्थानों की संख्या और उसमें नामांकित छात्र-छात्राओं का ब्योरा सभी जिलों से मांगा था, लेकिन पटना समेत 20 जिलों से इसकी रिपोर्ट नहीं आई है। जिन 18 जिलों से रिपोर्ट आई है, वह आधी-अधूरी है। ज्यादातर कोचिंग संस्थानों ने नामांकित विद्यार्थियों की सही सूचना नहीं दी है। ऐसा शिक्षा विभाग का मानना है। अब विभाग ने जिलों से कोचिंग संस्थानों और उनमें नामांकित विद्यार्थियों की पूरी सूचना एक सप्ताह में उपलब्ध कराने को कहा है।
18 जिलों में 5164 पंजीकृत कोचिंग संस्थान की रिपोर्ट
जिन जिलों से रिपोर्ट आई है, शिक्षा विभाग ने उसे वेबसाइट पर डाला है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 18 जिलों ने पंजीकृत पांच हजार 164 कोचिंग संस्थानों की सूचना दी है, जिनमें 31 हजार 607 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इनमें दरभंगा के कोचिंग संस्थान में सर्वाधिक 12 हजार 135 विद्यार्थी हैं। पटना में कोचिंग संस्थानों की संख्या अभी शिक्षा विभाग को नहीं मिली है।

शिक्षा विभाग की आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, अररिया जिले के 221, अरवल में 90, बांका में 225, बेगूसराय में 636, बक्सर में 144, दरभंगा में 562, पूर्वी चंपारण में 593, जहानाबाद में 52, किशनगंज में 243, कैमूर में 146, लखीसराय में 102, मधुबनी में 428, नालंदा में 67, सहरसा में 522, शिवहर में 92, सीतामढ़ी में 191, वैशाली में 314 और पश्चिमी चंपारण में 536, अरवल में 3079, दरभंगा में 12135, पूर्वी चंपारण में 2103, नालंदा में 5543, सिवान में 2917 और पश्चिमी चंपारण में 5830 विद्यार्थी नामांकित हैं।

मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पदस्थापन के लिए गाइडलाइन जारी
राज्य के मध्य विद्यालयों के स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापित करने के संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारियों को गाइडलाइन जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि पद रिक्त रहने पर उन्हें वहीं तैनात किया जाएगा, जहां वे पदस्थापित हैं। स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान में एक से अधिक शिक्षकों के पदस्थापित रहने की स्थिति में क्रमशः दिव्यांग, महिला एवं वरीयता के आधार पर पदस्थापन मूल विद्यालय में किया जाएगा।
गाइडलाइन के मुताबिक, पूर्व से पदस्थापित विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद रिक्त नहीं रहने या प्रधानाध्यापक का पद रिक्त रहने, लेकिन दो स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के पदस्थापित रहने की स्थिति में उन्हें नजदीक के मध्य विद्यालय में पदस्थापित किया जायेगा। किसी भी स्थिति में उन्हें अपने ही प्रखंड या नगर अंचल में अवस्थित किसी अन्य मध्य विद्यालय में तैनात किया जायेगा। दूसरे विद्यालय में पदस्थापन के दौरान भूमिहीन एवं भवनहीन विद्यालय में पदस्थापन यथासंभव नहीं किया जायेगा।