लोगों को नीतीश बहुत बड़े तोप दिखते हैं.. I.N.D.I.A. की बैठक पर बोले प्रशांत किशोर

पटना. चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली हार के बाद I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल जेडीयू के नेताओं की ओर से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को I.N.D.I.A. की तरफ से लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री का चेहरा बनाने की मांग तेजी से उठाई जा रही है. साथ ही ये भी खबर है कि नीतीश कुमार आगामी INDIA गुट की बैठक में भी शामिल नहीं होंगे. इस राजनीतिक घटनाक्रम पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोगों को नीतीश कुमार बहुत बड़े तोप दिखते हैं. 42 विधायकों की लंगड़ी सरकार चलाने वाले दल के नेता, जो कभी उछलकर कमल के साथ, तो कभी लालटेन के साथ चले जाते हैं, जिसको खुद भरोसा नहीं है कि वो कहां रहेगा, उसको देश में कौन नेता बना रहा है, इस बारे में सिर्फ के लोगों को ही पता है.

बिहार की महागठबंधन सरकार में लोकसभा चुनाव के बाद पड़ेगी फूट', प्रशांत किशोर  का दावा - prashant kishor says mahagathbandhan will broke before 2025 bihar  election jan suraj yatra NTC - AajTak

जेडीयू को राष्ट्रीय राजनीति में कोई पूछ नहीं रहा

दरभंगा के हनुमाननगर प्रखंड में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि जब से महागठबंधन बना है, उस दिन से मेरा बयान देख लीजिए. मैंने साफ कहा कि इसका राष्ट्रीय राजनीति पर कोई महत्व नहीं है. जो विपक्ष की राजनीति है उसमें सबसे बड़ा दल कांग्रेस है, हारे या जीते ये अलग बात है. दूसरा टीएमसी है और तीसरे नंबर पर डीएमके है. जेडीयू को कौन पूछ रहा है और ये तो अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाली बात है. लालू यादव ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री नीतीश कुमार होंगे. लालू की पार्टी के लोकसभा में सांसद जीरो हैं. जिस पार्टी का जीरो सांसद है, वो बता रहा है कि देश का प्रधानमंत्री कौन होगा. जिसके अपने दल के सिर्फ 42 विधायक हैं, वो बता रहा है कि देश का नेता कौन होगा ?

प्रशांत किशोर ने रिट्वीट किया तमिलनाडु में बिहारियों से मारपीट का वीडियो,  पूछा FIR का स्टेटस - Prashant Kishor retweeteD video of Bihari being beaten  up in Tamil Nadu asked about ...

प्रशांत किशोर ने बिहार की आर्थिक स्थिति पर बात करते हुए कहा कि सबसे बड़ा बात ये है कि जो देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है, जो बेरोजगारी और पलायन के लिए पूरे देश में जाना जा रहा है, उस राज्य के नेता को दूसरे राज्य के लोग और नेता मान जाएंगे कि आइए महाराष्ट्र को बिहार बना दीजिए. इतनी सामान्य समझ तो लोगों में है कि ​केरल के लोग कहेंगे कि केरल को बिहार बना दीजिए. किस आधार पर वहां के लोग आपको नेता मानेंगे, आपके पास संख्या बल नहीं है, आपके पास चुनाव के लिए पैसा और संसाधन भी नहीं है. आपने गर्वनेंस के आधार पर ऐसा कोई मॉडल भी नहीं बना दिया है कि पूरा देश उसे फॉलो करना चाहता है, तो किसी आधार पर आपको कोई नेता मान लेगा. ऐसे में नेता कितनी भी बार मिलकर चाय और नाश्ता कर लें इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

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