राज्य के ग्रामीण इलाकों से अब जिला मुख्यालय तक पहुंचना आसान होगा। इसके लिए सभी जिलों में नए सिरे से बस सेवा के लिए रूट का निर्धारण किया जाएगा। जिला मुख्यालयों को प्रखंडों से जोड़ने वाले इन रूटों पर करीब 3600 नई बसें चलाई जाएंगी। परिवहन विभाग प्रखंड परिवहन योजना के तहत चलाई जाने वाली इन बसों के लिए प्रति बस पांच लाख का अनुदान उपलब्ध कराएगा।

बुधवार से पहले चरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जो 27 दिसंबर तक चलेगी। छह जनवरी को अंतिम चयनित सूची का प्रकाशन किया जाएगा। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) और मोटरयान निरीक्षक (एमवीआई) के साथ मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना पर बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को प्रखंडों में योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं बसों के परिचालन के लिए रूट निर्धारित करने का निर्देश दिया। प्रखंडवार योजना का लाभ योग्य आवेदकों को मिल सके इसके लिए प्रखंड एवं अनुमंडल स्तर पर बैठक करने का टास्क दिया गया। इसमें बस संचालकों के साथ विकास मित्रों का भी सहयोग लेने को कहा गया है।
496 प्रखंडों में योजना का मिलेगा लाभ
योजना के तहत जिला मुख्यालय के प्रखंडों को छोड़कर शेष 496 प्रखंडों में इस योजना का लाभ दिया जाएगा। प्रति प्रखंड अधिकतम सात लाभुकों को बस के क्रय पर अनुदान का लाभ दिया जाएगा। योजना पर अनुमानित व्यय लगभग 180 करोड़ रुपये का है। लाभुक को प्रति बस पांच लाख के अनुदान का भुगतान डीटीओ के माध्यम से सीधे खाते में किया जाएगा। लाभुकों में दो अनुसूचित जाति, दो अत्यंत पिछड़ा वर्ग, एक पिछड़ा वर्ग एक अल्पसंख्यक समुदाय से होंगे। अल्पसंख्यक समुदाय के आवेदक केवल इसी कोटि में आवेदन कर सकेंगे। एक लाभुक सामान्य वर्ग से होंगे, जो उपर्युक्त किसी कोटि में नहीं आते हों।
संयुक्त रूप से भी कर सकेंगे आवेदन
लाभुक की आयु आवेदन करने की तिथि को 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। उसके पास लाइसेंस होना जरूरी है। वह सरकारी सेवा में कार्यरत नहीं होना चाहिए। योजना का लाभ लेने के लिए लाभुक को उसी प्रखंड का निवासी होना चाहिए। सुयोग्य श्रेणी से एक से अधिक लाभुक संयुक्त रूप से भी आवेदन कर सकेंगे। अंतिम चयन सूची में नाम आने के बाद डीटीओ कार्यालय में आवेदन करना होगा जिसके सात दिनों के अंदर आवेदन का लाभ मिलेगा।