ठंड के कारण स्कूलों को खोलने और बंद रखने के विवाद के बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों के नाम से गुरुवार को पत्र जारी किया है।

इसमें कहा कि 29 जनवरी तक मौसम विभाग की एडवाइजरी के अनुरूप पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों के आने-जाने के समय में संशोधन किया जा सकता है, लेकिन नौवीं से 12वीं तक की पढ़ाई के समय और बोर्ड की तैयारी में इससे कोई बाधा नहीं होगी। इस क्रम में उन्होंने धारा 144 सीआरपीसी को लेकर तंज भी कसा है।
144 सीआरपीसी के दायरे में नहीं आता स्कूल प्रशासन
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मौसम विभाग की सलाह के आलोक में सभी जिलाधिकारियों को प्राधिकृत किया जाता है कि आठवीं तक के समय में संशोधन कर सकते हैं। इस दौरान शिक्षक पूर्व की भांति तय अवधि तक स्कूल में रहेंगे और जरूरी काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग से 144 सीआरपीसी के तहत आदेश निकालने की जरूरत नहीं है, क्योंकि विद्यालयों का प्रशासन इस धारा की परिधि में ही नहीं आता है।

इस चलन का किया जाता रहा है विरोध
पत्र में उल्लेख है कि पिछले वर्षों में जिलाधिकारी शीतलहर अथवा अन्य कारणों से इस धारा के तहत स्कूलों को बंद करते रहे हैं। इस चलन का विरोध शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष भी किया था। इसी क्रम में 20 जनवरी 2024 को पत्र जारी कर स्पष्ट कर दिया गया था कि विभाग इस धारा के तहत स्कूलों को बंद करने की प्रवृत्ति का समर्थन नहीं करता है।
बात-बात पर धारा 144 के तहत स्कूलों को बंद नहीं करें। विभाग ऐसा मानता है कि धारा 144 सीआरपीसी के तहत स्कूलों के कामकाज को नियंत्रित नहीं किया जा सकता।

महान व असीमित शक्ति से शत प्रतिशत उपस्थिति कराएं
अपर मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी पत्र में लिखा है कि यदि जिलाधिकारी यह समझते हैं कि वे इस धारा के तहत स्कूलों के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकते हैं तो भविष्य में आपसे यह भी आशा है कि जब मौसम सामान्य हो जाए तो इस धारा के तहत अपनी इस महान और असीमित शक्ति का प्रयोग करते हुए शत-प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति भी सुनिश्चित कराएं।