पश्चिम चंपारण के गौनाहा प्रखंड के सिट्ठी गांव की एक दर्जन से अधिक बेटियां राष्ट्रीय, राज्य एवं जिलास्तरीय धावक व फुटबाल खिलाड़ी हैं। गांगुली नदी की छाड़न भूमि पर अभ्यास कर देश स्तर पर पहचान बनाई है। जब विजेता बनकर ये गांव आती हैं तो प्रशासन की ओर से इनका सम्मान किया जाता है, लेकिन सुविधा को लेकर कोई चर्चा नहीं होती। अभ्यास के लिए न तो मैदान है और न ही कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम। अभ्यास के दौरान ये गन्ने के खेत में कपड़े बदलने को विवश होती हैं। फसल कट जाती तो चादर घेर कपड़े बदलती हैं।

अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से चेजिंग रूम बनाने की फरियाद करती रहीं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। थक-हारकर खिलाड़ी बेटियों ने खुद से बांस, फूस और मिट्टी से चेंजिंग रूम बना लिया। एक कमरे के आकार का रूम बनाने में करीब तीन हजार का खर्च आया, उसे आपसी सहयोग से पूरा कर लिया। इसे बनाने में भी किसी की मदद नहीं ली।
