पटना एम्स के बाद बिहार के दरभंगा में प्रस्तावित राज्य के दूसरे एम्स के निर्माण का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। शोभन में एम्स के लिए चयनित स्थल का निरीक्षण करने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव सुधांश पंत 12 फरवरी को जाएंगे। वे एसकेएमसीएच और डीएमसीएच में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भी देखने जाएंगे। सुधांश पंत का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि दरभंगा एम्स का डिजाइन बदलने पर चर्चा हो रही है। इसे भूकंपरोधी बनाया जाएगा और पार्किंग की व्यवस्था अंडरग्राउन्ड होगी। दरभंगा एम्स के लिए 1264 करोड़ की राशि मिल गई है। बिहार के दूसरे एम्स का निर्माण प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत कराया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और संयुक्त सचिव सुधीर कुमार राज्य सरकार के नए प्रस्ताव को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव सुधांश पंत को सौंपा था। उसमें राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की सभी आवश्यक शर्त मान ली थी। इसमें दरभंगा एम्स को फोरलेन की कनेक्टिविटी, जमीन समतलीकरण कर बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करना शामिल था। केंद्र सरकार से यह अनुरोध किया गया था कि दरभंगा में नई डिजाइन का एम्स निर्माण कराए, जो स्थानीय जरूरतों को पूरा करे।

स्वास्थ्य सचिव संजय सिंह ने डीएमसीएच के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और न्यू सर्जिकल बिल्डिंग का जायजा लिया। इस दौरान सर्जिकल भवन में निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार व सफाई की व्यवस्था देख उन्होंने नाराजगी जताई। उधर, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध आधुनिक सुविधाएं देख वे संतुष्ट दिखे। अस्पताल का उद्घाटन जल्द होने वाला है। उद्घाटन के बाद फिलहाल कार्डियोलॉजी, नेफरोलीजी और ऑनकोलॉजी विभागों में मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी इलाज की सुविधा मिलेगी। रेडियोलॉजी विभाग का संचालन वहां पूर्व से ही हो रहा है। कॉलेज और अस्पताल प्रशासन से विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय किया गया। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के सचिव 12 फरवरी को वहां का जायजा लेने पहुंच सकते हैं। इसी के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा करने स्वास्थ्य विभाग के सचिव यहां पहुंचे थे।