सूबे की सियासत में राजद सुप्रीमो लालू यादव की एक और बेटी की एंट्री हो गई है। इस बेटी का नाम रोहिणी आचार्य है। रोहिणी का नाम सारण संसदीय क्षेत्र की फिजा में तैरने भी लगा है। उम्मीदवारी की घोषणा तो अभी नहीं हुई है, लेकिन कहा जा रहा है कि अपने पिता की इस परंपरागत सीट पर रोहिणी ही राजद की प्रत्याशी होंगी।

अगर ऐसा है तो यहां चुनावी मुकाबला कड़ा और दिलचस्प होगा। ऐसा इसलिए कि सारण के चुनावी समर में रोहिणी अपनी पूर्व मुख्यमंत्री मां राबड़ी देवी की पराजय का बदला लेने की नीयत से कूदेंगी। वर्तमान बीजेपी सांसद रुडी ने पूर्व सीएम को किया था पराजित। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पराजय का यह किस्सा साल 2014 के संसदीय चुनाव का है। पति लालू यादव के चुनाव लड़ने पर बंदिश के बाद वे यहां के चुनावी अखाड़े में उतरीं थीं। यहां के वर्तमान बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रुडी ने उन्हें 40,948 वोटों के अंतर से पराजित किया था।

विजेता सांसद रुडी ने कुल वोटिंग के करीब 23.08 प्रतिशत वोट के सहारे 3,55,120 मत प्राप्त किए थे। राबड़ी देवी उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी रहीं थीं और उन्हें लगभग 20.42 प्रतिशत यानी 3,11,472 वोट ही मिल पाए थे। यह वह चुनाव था जब सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू अकेले अलग चुनाव लड़ रही थी और उनके प्रत्याशी सलीम परवेज 1,07,008 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

सारण के विधायक और विधान पार्षद ने कर दिया है इशारा
सारण संसदीय सीट की संभावित राजद प्रत्याशी डॉ. रोहिणी कुछ दिनों पहले छपरा आकर कुछ खास लोगों से मिली थीं। तब उन्होंने कहा था कि सारण की जनता उनपर भरोसा करेगी तो वे यहां से चुनाव लड़ सकती हैं। उनके यहां चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं में तभी से शुरू हो गई थी। इधर, एक दिन पहले लालू परिवार के बेहद करीबी विधान पार्षद सुनील सिंह और मढ़ौरा विधायक तथा पूर्व मंत्री जीतेन्द्र कुमार राय ने इस बात का इशारा अपने आधिकारिक फेसबुक पोस्ट से कर दिया। इन दोनों ने रोहिणी को सारण की पार्टी प्रत्याशी बनाने की मांग करते हुए लिखा कि यह सारण के कार्यकर्ताओं की हार्दिक इच्छा है।





