पिता लालू को किडनी देने को लेकर भाजपा ने रोहिणी आचार्य पर उठाए सवाल

बिहार में पक्ष-विपक्ष किसी भी मुद्दे को राजनीति मुद्दा बनाने में कोई कसर छोड़ता नजर नहीं आ रहा. एक तरफ जहां अयोध्या राम मंदिर पर फिर से राजनीति होती दिख रही है तो दूसरी तरफ अब रोहिणी आचार्य की किडनी को लेकर भी बीजेपी ने सवाल खड़ा कर दिया है. बीजेपी की प्रदेश प्रवक्ता सुहेली मेहता ने मंगलवार को पीसी कर लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि रोहिणी आचार्य किडनी के नाम पर लोगों के बीच क्रेज बटोरने की कोशिश कर रही हैं. उनके भाई ना तो कोई नौकरी करते हैं और ना ही कोई बिजनेस कर रहे हैं, लेकिन 350 करोड़ के मालिक बने हुए हैं. आगे सुहेली मेहता ने कहा कि रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को किडनी दी और उनकी जान बचाई.

Lalu Yadav: 'अगर मेरे पापा को कुछ हुआ...', ईडी की पूछताछ पर भड़कीं लालू  यादव की बेटी; ढाई घंटे से चल रही इंटेरोगेशन - rohini acharya angry on ed  lalu yadav interrogationबीजेपी ने रोहिणी आचार्य की किडनी पर उठाया सवाल

भगवान करें कि लालू यादव स्वस्थ रहें, लेकिन जिस तरह से इसे चुनावी मुद्दा बना रही हैं और घर-घर जाकर सबको यह बता रही है कि उन्होंने अपने पिता को किडनी दी है तो मुझे वोट दें. सबको मेरी जैसी बेटी होनी चाहिए तो यह राजनीतिक हथकंडा है. आगे उन्होंने कहा कि जिस तरीके से रोहिणी राजनीतिक हथकंडा अपना रही है, इससे यह जांच का विषय हो गया है कि उन्होंने किडनी भी दी है कि नहीं?

किडनी को रोहिणी ने बनाया चुनावी मुद्दा

वहीं, पीसी करते हुए सुहेली मेहता ने रोहिणी आचार्य पर हमला करते हुए कहा कि सिंगापुर से एक महिला आकर बिहार में चुनाव लड़ती हैं. एनडीए पर बार-बार उंगली उठा रही हैं, जबकि पिछले 17 सालों से एनडीए सरकार लगातार काम करती आ रही है. इस दौरान बिहार में महिला शक्ति कहां से कहां तक पहुंच चुकी है. इसके साथ ही कहा कि रोहिणी आचार्य महिला सुरक्षा की बात करती है, पहले जो दूसरे की घर की बेटी आई है, उनकी सुरक्षा कीजिए. लालू यादव अपने ही परिवार में न्याय नहीं कर पाए.

ललन सिंह ने तेजस्वी पर कसा तंज

बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए प्रत्याशी ललन सिंह मुंगेर पहुंचे, जहां उन्होंने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी पर निशाना साधा. जुबानी हमला करते हुए ललन सिंह ने कहा कि एक नेता युवराज तेजस्वी यादव हैं, जो घूम-घूम कर रोजगार देने की बात कह रहे हैं. दूसरी तरफ आपके पिताजी हैं, जो बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए जमीन लिखवाकर नौकरी देते थे.

     

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