राजभवन और केके पाठक के बीच फिर ठनी! कहा- राज्यपाल को अराजकता फैलाने का अधिकार नहीं

पटना. एक बार फिर शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच तकरार बढ़ गई है. शिक्षा विभाग की बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के भाग नहीं लेने से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक नाराज हो गए हैं. इसको लेकर केके पाठक ने राजभवन को फिर से कड़ा पत्र लिखकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के प्रधान सचिव से पत्र लिखकर सवाल पूछा है कि आखिर किस अधिकार से राजभवन ने कुलपतियों को शिक्षा विभाग की बैठक में आने से रोका. एसीएस केके पाठक ने आपत्ति जताते हुए चेतावनी देते हुए कहा है कि शिक्षा विभाग के कार्य में राजभवन हस्तक्षेप नहीं करे.

KK Pathak stopped salaries of all VCs Registrars of Universities Governor  RV Arlekar order not to attend meeting of Education Department - केके पाठक  ने सारे वीसी, रजिस्ट्रार का वेतन रोका; राज्यपाल

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू से सवाल पूछते हुए एसीएस केके पाठक ने कहा कि क्या कुलपतियों के नहीं आने से मुझे अवगत कराया गया? केके पाठक के पत्र में आगे पूछा गया कि अगर राज्यपाल का आदेश था तो आपने अवगत क्यों नहीं कराया? ये भी पूछा कि क्या राज्यपाल को विद्रोह भड़काने और अराजकता फैलाने का अधिकार है जो विश्वविद्यालयों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच किया जा रहा है?

राज्यपाल को विश्वविद्यालयों के अधिकारियों जैसा बताया
एसीएस केके पाठक ने ये भी कहा कि किस कानून के तहत राज्यपाल माध्यमिक और प्राथमिक से संबंधित मामले को निपटाने का अधिकार रखते हैं. केके पाठक ने गंभीर आरोप लगाते हुए विश्विद्यालय अधिनियम का भी जिक्र किया और 6 बार शिक्षा विभाग की बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के भाग नहीं लेने पर नाराजगी जताई. केके पाठक ने कहा कि राज्यपाल भी यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी होते हैं, यह ठीक वैसे ही है जैसे-वीसी, रजिस्ट्रार और डीन होते हैं.

केके पाठक ने कहा- हो रहा चांसलर की शक्ति का दुरुपयोग
राज्यपाल सचिवालय को लि​​​​​खे अपने पत्र में केके पाठक ने कहा है कि आपको धारा 9(7)(2) शक्ति प्रदान करता है. उन्होंने राज्यपाल सह कुलाधिपति को लेकर आगे लिखा है कि चांसलर शक्ति का प्रयोग कर आदेश की अवहेलना नहीं कर सकते. यह अधिकार आपको नहीं है. बता दें कि राजभवन ने 29 फरवरी 2024 को पत्र जारी कर वीसी को शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं होने का आदेश दिया था. इसी को लेकर केके पाठक ने राजभवन को कड़ा लेटर लिखा है.

केके पाठक ने राज्यपाल के प्रधान सचिव से पूछा सवाल
केके पाठक ने इसके साथ ही राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू से सवाल पूछा है कि क्या आपने राज्यपाल के आदेश से मुझे अवगत कराया है. यदि आदेश राज्यपाल की ओर से है तो मुझे यह बताने के अतिरिक्त कुछ नहीं कहना कि कुलाधिपति की कुर्सी उच्च संवैधानिक स्थिति होती है, इसलिए यह अधिक उपयुक्त होता कि आप मुख्यमंत्री या फिर मंत्री से संवाद करते.

हाल में केके पाठक और राज्यपाल के संबंध अच्छे नहीं
गौरतलब है कि IAS केके पाठक के पद संभालने के बाद से ही राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं. यूनिवर्सिटी की परीक्षा सत्र समेत अन्य व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर IAS केके पाठक ने विश्वविद्यालयों के वीसी की बैठक बुलाई. केके पाठक अब तक कुल 6 बार बैठक बुला चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर इन बैठकों में शामिल नहीं हुए. राजभवन की ओर से मनाही के बाद विश्वविद्यालयों के कुलपति इन बैठकों में नहीं गए हैं.

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