गर्मी से भगवान भी बेहाल, पटना के इस मंदिर में लगाया जा रहा छाछ और लस्सी के भोग

पटना : तपिश भरे मौसम में लोग चिलचिलाती धूप और गर्मी से परेशान हैं. गर्मी के मौसम में सभी लोग बचाव के उपाय करते हैं, ऐसे में भगवान के भक्त भी भगवान को गर्मी से राहत देने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. भगवान को गर्मी से बचाने के लिए मठ और मंदिरों में ऐसी-कूलर लगाया गया हैं. भोग में भी बदलाव किया गया है. पटना के मीठापुर स्थित गौड़ीयमठ में भगवान कृष्ण को सुबह और शाम के भोग में पेय पदार्थ और ऋतु अनुसार फल का भोग लगाया जा रहा है. राधे कृष्णा को लगने वाले भोग में रबड़ी, छाछ, दही, जूस का भोग लगाया जा रहा है.

गर्मी में भगवान को लस्सी और छाछ का भोगगर्मी में भगवान को छाछ और लस्सी का भोग

गर्मी के दिन में पशु पक्षी इंसान सभी लोग परेशान हैं. इसलिए ईष्ट देवता को गर्मी में शीतलता पहुंचाने के लिए मेनू में बदलाव किया गया है. 1 दिन में चार बार भोग लगाया जाता है. सुबह में बाल भोग लगता है, जिसमें हलवा, पूरी, रोटी और कई तरह की सब्जी, मिठाई, दही, खीर का भोग लगाया जाता है.

शीतल पेय पदार्थों का लग रहा भोग

दोपहर में खीर, रोटी, सब्जी, रबड़ी मलाई का भोग लगाया जाता है. शाम के समय शीतल भोग में पेय पदार्थ लस्सी, केसर दूध, शरबत, शिकंजी, खरबूज फलों का भोग लगाया जा रहा है. रात्रि में शयन भोग में खीर, रोटी, सब्जी, पेड़ा, केला का भोग लगाया जाता है. उन्होंने बताया कि शास्त्रों के अनुसार देवी देवताओं को मौसम के अनुसार भोग लगाया जाता है.

भगवान भी गर्मी से परेशान

गर्मी के मौसम में भगवान को ठंडक मिले इसके लिए मंदिर को दिन भर में तीन चार बार धोया जाता है. दीवाल पर पानी का छिड़काव कराया जाता है. चार प्रकार के भोग में ऐसा भोग लगता है कि भगवान को गर्मी से राहत मिले. भगवान जब खुश रहेंगे तो भक्त भी खुश रहेंगे. भक्तिसार महाराज ने कहा कि भगवान से हम लोग हैं. इंसान हर मौसम में खान-पान रहन-सहन में बदलाव करता है, ऐसे में भगवान के भक्त होने के नाते भगवान के भी भोजन में बदलाव होना चाहिए. इसलिए हर मौसम के अनुसार गौड़ीयमठ मैं भगवान को भोग लगाया जाता है.

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