बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों को एक क्लिक पर जानने के लिए जल्द ही उन्हें पैन यानी ‘परमानेंट एजुकेशन नंबर’ मिलेगा। इसको लेकर विभाग द्वारा तैयारी अंतिम चरण में है। यह एक यूनिक आइडी होगा। इससे किसी भी बच्चे का पहली से लेकर 12वीं तक के शैक्षणिक गतिविधि को देश भर में कहीं भी जाना जा सकता है। 12 अंक के इस परमानेंट एजुकेशन नंबर के बिना आने वाले समय में सरकारी और निजी किसी भी जगह पर नामांकन लेना असंभव होगा। इसके बिना न तो किसी बच्चे को कहीं पर नामांकन मिलने वाला है ना ही उन्हें शैक्षणिक व्यवस्था से जुड़ी किसी भी सुविधा का लाभ मिलेगा।
जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक यू डायस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक इंफॉर्मेशन सिस्टम फार एजुकेशन) में बच्चों से जुड़ी 53 प्रकार की जानकारी भरने का काम पूरा हो गया है।साथ ही जल्द ही उन्हें यूनिक आईडी भी जारी कर दिया जाएगा। जिले के 2489 सरकारी व निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 7 लाख 32 हजार 346 बच्चों को इसका लाभ मिलेगा, जबकि राज्य भर में 94889 निजी और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 2 करोड़ 44 लाख 77 हजार 511 बच्चे को पैन यानी परमानेंट एजुकेशन नंबर मिलेगा।

वहीं, सत्र 2024-25 के यू डायस अपग्रेडेशन का काम जल्द शुरू होगा। डिजिलाकर के माध्यम से भी देख सकेंगे परमानेंट एजुकेशन कार्ड बच्चों को मिलने वाले परमानेंट एजुकेशन नंबर को डीजी लाकर से भी लिंक करने की प्रक्रिया भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। परमानेंट एजुकेशन नंबर मिलने के बाद डीबीटी में होने वाले फर्जीवाड़े, दो जगह पर पढ़ने वाले बच्चों की जानकारी विभाग को मिल जाएगी। परमानेंट एजुकेशन नंबर मिलने के बाद वैसे बच्चे जो 9वीं व 11वीं में जिन्हें बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करना होता था। अब इसी के मदद से बच्चों को पंजीकरण होगा। साथ ही स्कूल और शिक्षा भी से जुड़ी हर काम के लिए बच्चों को परमानेंट एजुकेशन नंबर अनिवार्य होगा।





